पहचान छुपाने का तरीका

कालेधन को पनाह देने वाले स्विस बैंक की हरकतों में अभी भी कोई सुधार नहीं आया है. भारत समेत दुनियाभर से इन बैंकों पर अकाउंट होलडर्स की काली कमाई का ब्यौरा साझा करने के लिए बढ़े दबाव के बीच एक नई बात सामने आई है. खबरों के अनुसार ये बैंक अब अपने यहां जमा धन के वास्तविक लाभार्थी की पहचान छिपाने के लिए इस कालेधन को सोने और हीरे के व्यापार के नाम पर सरका रहे हैं. ये बात ऐसे टाइम पर सामने आई है, जब कालेधन के खिलाफ लड़ाई में स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत को कालेधन के मसले को लेकर अपनी कमिटमेंट दी है.

क्या कहते हैं आंकडे़

बैंक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, स्विस बैंक हीरा व्यापार, सोने व अन्य ज्वेलरी के एक्सपोर्ट, कॉमप्लेक्स फंडों के उपयोग के जरिए शेयर खरीद-फरोख्त, बिट क्वायन जैसी नई पीढ़ी की वर्चुअल करेंसी के माध्यम से पैसे के ट्रांसफर के तरीके अपनाकर अपने यहां जमा धन के वास्तविक ग्राहकों की पहचान छिपाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे टाइम में जब स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा कालेधन पर स्विट्जरलैंड सरकार पर कार्रवाई का भारी दबाव है, आंकड़े बताते हैं की इस साल की शुरुआत से स्विट्जरलैंड का भारत के साथ करीब 6 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 40 हजार करोड़ रुपये) मूल्य के सोने का व्यापार हुआ है. इन आंकड़ों से इस बात का संदेह बढ़ा है कि स्विस बैंकों से भारत एवं अन्य जगहों में कालेधन को पहुंचाने के लिए सोना और हीरा व्यापार का उपयोग हो रहा है.

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