-डीएम के पास शासन से पहुंची जांच, जल्द किसी अधिकारी को दी जाएगी जांच

-स्टाम्प जमा न करने के मामले में 30 मई के बाद जारी हो सकता है वाद

BAREILLY: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को शिफ्ट करने के मामले में फंसे नगर आयुक्त के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। शासन से डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह के पास जांच पहुंच गई है। डीएम ने फिलहाल एडीएम (ई) को सभी दस्तावेज परीक्षण के लिए दे दिए हैं, हालांकि अभी औपचारिक जांच किसी अधिकारी को नहीं सौंपी है। उनका कहना है कि जल्द ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।

दूसरी ओर रजिस्ट्री डिपार्टमेंट भी नियमों के तहत जमीन की रजिस्ट्री में स्टाम्प वसूलने की पूरी तैयारी कर चुका है। एआईजी स्टाम्प ने नगर निगम को रिमाइंडर भेजकर 30 मई तक स्टाम्प जमा करने का नोटिस दिया है। इसके बाद वाद दायर किया जाएगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को शिफ्ट करने और राज्यपाल की अनुमति के बिना स्टाम्प शुल्क माफ कराने के खेल को सबसे पहले दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 22 अप्रैल, 2018 के अंक में ब्रेक किया था। उसके बाद से लगातार जुबानी और कागजी जंग जारी है।

वित्त मंत्रालय से की गई थी शिकायत

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शिफ्ट को लेकर पूर्व मेयर डॉक्टर आईएस तोमर ने अपने लोगों के जरिए मोर्चा खोल रखा है। उनके करीबी सत्यवीर सिंह यादव ने सेंट्रल गवर्नमेंट से शिकायत की थी, जिसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अपर सचिव ने यूपी के प्रमुख सचिव नगर विकास को जांच कराने के आदेश दिए थे। प्रमुख सचिव ने बरेली के डीएम को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। जांच का आदेश मिलते ही डीएम ने भी कार्रवाई शुरू करा दी है। इसके अलावा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की शिफ्टिंग का भी प्रकरण तय हो सकेगा।

नगर निगम नहीं है सरकारी विभाग

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शिफ्ट करने के लिए जिस जगह दूसरी जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है, उस पर नगर निगम ने स्टाम्प शुल्क नहीं चुकाया था। नगर निगम ने सरकार उपयोग के लिए जमीन खरीदने का हवाला देते हुए स्टाम्प शुल्क में छूट ले ली, लेकिन एआईजी स्टांप ने राज्यपाल की अनुमति न होने के चलते नगर निगम को स्टाम्प चुकाने का नोटिस जारी किया था। एआईजी स्टाम्प ने वर्ष 2001 और 2016 में सरकारी जमीन की खरीद को जारी आदेश के तहत ऐसा किया है। एआईजी स्टाम्प का कहना है कि नियमों के तहत नगर निगम सरकारी डिपार्टमेंट नहीं है। इसके अलावा राज्यपाल की ओर से कोई भी आदेश स्टाम्प शुल्क माफी के लिए जारी नहीं किया गया था।

स्पष्ट शासनादेश-छूट तो मिलेगी, प्रक्रिया अपनाना जरूरी

सरकारी उपयोग के लिए भूमि खरीदने या दान में दी गई भूमि की रजिस्ट्री के संबंध में उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव ने 30 जून, 2016 को डीटेल्ड डायेरक्शन्स जारी ि1कए गए थे।

-स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 29 ग और धारा 29 च-च के तहत ऐसे मामलों में स्टाम्प शुल्क देने की जिम्मेदारी भूमि प्राप्त करने वाले की होगी। भूमि दान के मामले में दान प्राप्त करने वाले की होगी। इस मामले में स्पष्ट रूप से नगर निगम की होगी, लेकिन स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा-3 (क-क) और (ख-ख) के अनुसार सरकार द्वारा या उसकी तरफ से या उसके पक्ष में निष्पादित किसी विलेख (रजिस्ट्री या लीज) पर जहां स्टाम्प शुल्क अदा करने का दायित्व सरकार का होगा, वहां कोई शुल्क नहीं लगेगा। ऐसे मामलों में स्टाम्प शुल्क से स्वत: ही छूट मिलेगी, लेकिन उसके लिए इसके लिए 31 मई, 2001 को शासनादेश के अनुसार एक विशेष प्रक्रिया अपनानी होगी।

- सरकार उपयोग के लिए जमीन खरीदने के लिए संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव (इस मामले में प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग) पत्र लिखकर प्रमुख सचिव स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन से स्टाम्प शुल्क में छूट देने का आग्रह करेंगे।

- प्रमुख सचिव स्टाम्प इस में विधि विभाग से राय भी ले सकते हैं। इसके बाद वे स्टाम्प शुल्क में छूट देने का नोटिफिकेशन जारी करेंगे।

- इस नोटिफिकेशन के आधार पर ही संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव (यानि प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग) किसी अधिकारी को भूमि क्रेता के रूप में नामित करना होगा। इसके बाद ही स्टाम्प में छूट दी जा सकती है।

'शासन से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की जांच के आदेश मिले हैं। एडीएम (ई) को सभी कागजों का परीक्षण करने को कहा है। जल्द ही किसी अधिकारी को जांच सौंपी जाएगी। '

- वीरेंद्र कुमार सिंह, डीएम बरेली

नगर निगम की ओर से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की जमीन के लिए स्टांप नहीं चुकाया गया है। नगर निगम सरकारी डिपार्टमेंट में नहीं आता है। राज्यपाल का कोई भी पत्र स्टांप छूट का भी नहीं दिया गया है। रिमाइंडर भेजा गया है। उसके बाद वाद दायर किया जाएगा।

ब्रज चंद्र, एआईजी स्टाम्प