हॉस्टल का सच का लोगो लगेगा

हॉस्टल फीस के मद में शामिल है गेम्स के 1000 और कल्चरल एक्टिविटी के 500 रुपए

हर अन्त:वासी से वसूली गई है फीस

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में न्यू एकेडमिक सेशन 2017-18 की शुरुआत जुलाई में ही हो गई। देखते-देखते अब यह साल भी बीत जाना है। हॉस्टल्स के मौजूदा हालात यह हैं कि अभी भी छात्र वहां कमरा लेने के लिये ही संघर्ष कर रहे हैं। हॉस्टल में कोई एक्टिविटी भी देखने को नहीं मिल रही। जबकि प्रत्येक अन्त:वासी से हॉस्टल फीस के मद में गेम और कल्चरल एक्टिविटी के नाम पर पैसा वसूला गया है।

बंधी थीं उम्मीदें

गौरतलब है कि इविवि के हॉस्टल्स में एक्स्ट्रा एक्टिविटी पिछले कई साल से ठप है। इस बार हॉस्टल वॉशआउट के बाद कुछ उम्मीद बंधी थी कि नए सेशन में विवि प्रशासन की फाइनेंशियल हेल्प से हॉस्टल में डिफरेंट एक्टिविटीज ऑर्गनाइज होंगी। लेकिन नवम्बर माह का दूसरा सप्ताह शुरू हो चुका है और कहीं कोई खास एक्टिविटी शुरू नहीं हो सकी है। छात्र यह अलग आरोप लगा रहे हैं कि पहली बार कोर्स वाइज हॉस्टल अलॉट होने से यहां का कल्चर ही खराब हुआ है।

चंदा वसूलकर करना पड़ता है आयोजन

सिंगल सीट कमरों के लिए अन्त:वासियों से 15,000 रुपए फीस ली गई है। इनमें कल्चरल एक्टिविटी की फीस 500 रुपए और गेम्स फीस 1000 रुपए है। रूपये शामिल है। इस बावत कुछ पुराने अन्त:वासियों का कहना है कि ज्यादातर हास्टल्स में पिछले साल तक जो भी एक्टिविटी होती रही है। उसमें विवि प्रशासन की ओर से कोई वित्तीय मदद नहीं मिलती। अन्त:वासी जैसे तैसे चंदा जुटाकर खुद ही आयोजन कर लेते थे।

टेबिल टेनिस रूम में कबूतरों का बसेरा

कुछ ऐसा ही हाल गेम्स का भी है। इसके लिए फीस तो बराबर वसूली जा रही है। लेकिन गेम्स एक्टिविटी के लिए फैसिलिटी कुछ है ही नहीं। पीसीबी हास्टल में 20 लाख रुपए से बना बैडमिंटन कोर्ट बदहाल है। जीएन झा और डायमंड जुबिली हॉस्टल में टेबिल टेनिस रूम बंद पड़ा है। इनमें आज कबूतरों का बसेरा हो गया है। हॉलैंड हॉल हास्टल की बात करें तो यहां टेनिस की प्रैक्टिस के लिए एक बड़ा भवन मौजूद है। लेकिन वह आज जर्जर हालत में पहुंच चुका है।

हॉस्टल फैसेलिटी को इंक्रीज करना चाहिये। जब इतनी फीस ली गई है तो गेम्स होने चाहिए। इससे अन्त:वासियों का विकास होगा। वे फ्रेश रहेंगे स्वस्थ रहेंगे।

-शिवम अस्थाना

पहले तो छात्र चंदा जुटाकर कुछ करवा भी लेते थे। लेकिन अब तो वह भी होता नजर नहीं आ रहा। प्रत्येक हॉस्टल का अपना कल्चर होता है। उसे बरकरार रखा जाना चाहिए।

-सनी सिंह

अभी तो कमरा ही आवंटित हो रहा है। पहले छात्र तो पूरे आ जाएं, तब कहीं जाकर कुछ एक्टिविटी शुरू करने के बारे में सोचा जाएगा। वैसे इसके लिये विवि प्रशासन को इनिशिएटिव लेना चाहिए।

-शशिकांत यादव