क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : न तो एप्रोच रोड और न ही कचरे के प्रॉपर डंपिंग का इंतजाम. जहां-तहां बिखरे पड़े थे कूड़े-कचरे. रांची नगर निगम की टीम जब मंगलवार को झिरी डंपिंग यार्ड का जायजा लेने पहुंची तो यहां के हालात को देखकर उनके होश उड़ गए. सफाई एजेंसी की इस लापरवाही पर उनका गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने एजेंसी को साफ-साफ कहा कि टर्मिनेशन को अप्रूवल मिलने तक शहर की साफ-सफाई के साथ कचरे को झिरी डंपिंग यार्ड तक लाना उनका काम है. लेकिन, इसमें कोताही बरती जा रही है. इसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि 9 मार्च को निगम की बोर्ड मीटिंग में पार्षदों की मांग पर सफाई एजेंसी को टर्मिनेट करने पर मुहर लगा दी है.

हैंडओवर से पहले होगी इंवेट्री

आरएमएसडब्ल्यू को हटाने को लेकर प्रोसिडिंग तैयार की जा रही है. इस बीच अप्रूवल के लिए पत्र को नगर विकास विभाग भेजा जाएगा. ऐसे में एजेंसी से हैंड ओवर लेने से पहले रांची नगर निगम इंवेट्री (मशीन से लेकर मैनपावर यथावत) कराएगा. इस दौरान अगर कोई चीज गड़बड़ पाई जाती है तो उसका एक-एक रिकार्ड रखा जाएगा. वहीं एजेंसी को इसके लिए हर्जाना भी भरना पड़ेगा.

वेस्ट प्रॉसेसिंग के लिए साइट आइडेंटिफाई

अधिकारियों ने डंपिंग यार्ड मे व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने डंपिंग यार्ड में वेस्ट प्रॉसेसिंग के लिए प्लांट लगाने वाली जगह भी चिन्हित कर ली है. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि जब अपने हाथों में प्रोसेसिंग ले लेंगे तो प्लांट के लिए जगह तय होनी चाहिए. इसके बाद ही एजेंसी को काम सौंपा जाएगा. वहीं, अप्रोच रोड बनाने के लिए हेल्थ और इंजीनियरिंग अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए.

चार टेंपररी डंपिंग प्लेस बनाए गए

सिटी में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्राइवेट एजेंसी को काम सौंपा गया. इसके बाद कचरे के ट्रांसफर के लिए मिनी ट्रांसफर स्टेशन भी बनाए गए थे. अब ट्रांसफर स्टेशन से काम ठप है. ऐसे में निगम ने सिटी से निकलने वाले कचरे के ट्रांसफर के लिए चार टेंपररी डंपिंग प्लेस बनाए है. जहां पर कचरा जमा कर झिरी भेजा जा रहा है. इसके लिए नगर निगम ने री-फ्यूज कांपैक्टर लगा दिए है. जिसमें गाडि़यां कचरा खाली कर रही है. वहीं रात में उसे झिरी भेज दिया जा रहा है.

टेंपररी बिल्डिंग में मिलेगी बेसिक सुविधाएं

डंपिंग यार्ड के पास स्टाफ्स के लिए ए टू जेड कंपनी ने एक टेंपररी बिल्डिंग का निर्माण कराया था. लेकिन उसमें आजतक खिड़की दरवाजा तो दूर प्लास्टर भी नहीं कराया गया. ऐसे में नगर निगम अब उसका जीर्णोधार कराएगा. वहीं टॉयलेट, पानी और जरूरी सुविधाौं उपलब्ध कराएगा. ताकि वहां 24 घंटे ड्यूटी में तैनात रहने वाले स्टाफ को दिक्कत न हो.

रैग पिकर्स को मिलेगी रहने की जगह

डंपिंग यार्ड में 100 से अधिक रैग पिकर्स है. जो सिटी से भेजे जाने वाले कचरे से काम की चीजें निकालकर बेचते है. लेकिन, आजतक किसी भी एजेंसी ने रैग पिकर्स की बेहतरी के लिए कोई कदम नहीं उठाया. अब नगर निगम रैग पिकर्स के लिए रहने की जगह उपलब्ध कराएगा. साथ ही कबाड़ी वालों को डायरेक्ट सामान बेचने की व्यवस्था कराएगा.

डेड एनिमल्स का डिस्पोजल स्लाटर हाउस में

कांके में महीनों से बंद पड़े स्लॉटर हाउस का भी निगम के अधिकारियों ने निरीक्षण किया. यहां मरे हुए जानवरों के डिस्पोजल शुरू करने को लेकर संचालक को निर्देश दिए गए. वहीं, डिस्पोजल से होने वाली आय से संचालक नगर निगम को भी 20 परसेंट राशि देगा. इससे मशीन भी रनिंग मोड में रहेंगे. वहीं संचालक को भी नुकसान नहीं होगा. बताते चलें कि स्लॉटर हाउस में काम नहीं होने से संचालक को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा था. इसके बाद मरे हुए जानवरों की हड्डी, मांस, चर्बी से प्रोडक्ट बनाने के लिए डिस्पोजल करने की पहल की गई है.