मोमबत्ती बनाने के साथ ड्रेस डिजाइनिंग में कमा रही हैं नाम

पहले खुद सीखा और अब कई बहनों की सुधार रही हैं किस्मत

ALLAHABAD: दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो आर्थिक तंगी मायने नहीं रखती। वैसे भी कहा गया है कि 'जहां चाह, वहां राह'। इस बात को मऊआईमा बाजार की तबस्सुम ने सच कर दिखाया। मेहनत व लगन के बल पर उन्होंने न सिर्फ अपनी बल्कि पूरे परिवार की तकदीर बदल दी। आज मोमबत्ती मेकिंग और ड्रेस डिजाईनिंग से उनका पूरा परिवार सुखमय जीवन व्यतीत कर रहा है। तबस्सुम से उन महिलाओं को सीख लेनी चाहिए जो कुछ करने के लिए गरीबी और आर्थिक तंगी का रोना रो रही हैं।

ई पहल ने दिखाई राह

तबस्सुम बेहद गरीब परिवार से हैं। शादी के समय से ही कमाने व खाने की दिक्कत परिवार में बनी रही। उनके शौहर इम्तियाज अहमद प्राईवेट काम करते हैं। ऐसे में तीन बच्चों (एक लड़की, दो लड़का) सहित पूरे परिवार का खर्च चलना मुश्किल था। फिर भी आर्थिक तंगी से जूझ रहीं तबस्सुम ने हार नहीं मानी। कुछ वर्ष पहले उन्होंने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा सीखें, जिससे खुद का कोई छोटा-मोटा व्यवसाय स्टैंड हो सके। पैसों की किल्लत के बीच उनकी इस चाहत को जार्जटाऊन में ई पहल संस्था के निदेशक डॉ। गोपाल कृष्ण ने पंख लगाया। डॉ। गोपाल ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों को रोजगार का प्रशिक्षण दिलवाने का काम करते हैं।

इस तरह पूरे किए अपने सपने

- डॉ। गोपाल की सलाह पर तबस्सुम ने बड़ौदा स्वरोजगार संस्थान मुट्ठीगंज से मोमबत्ती बनाने और ड्रेस डिजाईनिंग की ट्रेनिंग ली।

- कड़ी मेहनत व लगन के साथ कुछ ही दिनों में तबस्सुम ने बेहतरीन काम सीख लिया

- ट्रेनिंग के बाद वे पिछले चार वर्षो से मोमबत्ती बनाने और ड्रेस डिजाईनिंग का काम कर रही हैं

- आज गांव की कुछ जरूरतमंद महिलाओं की मदद से उन्होंने खुद का 'स्वयं सहायता समूह' बनाया है

- अब वे समूह से जुड़ी महिलाओं को मोमबत्ती बनाने और ड्रेस डिजाईनिंग का काम सिखा कर स्वावलंबी बना रही हैं

- इस समय तबस्सुम सहित समूह की अन्य महिलाएं भी महीने में कम से कम 05 हजार से अधिक रुपए कमा रही हैं

सीडीओ ने मंगाई 10 हजार मोमबत्ती

तबस्सुम बताती हैं कि कुछ वर्ष पहले उनके काम को जिला प्रशासन ने नोटिस लिया। उस समय इलाहाबाद में आईएएस अधिकारी अटल राय सीडीओ थे। जब उन्हें पता चला कि तबस्सुम की बनाई एक मोमबत्ती एक बार में तकरीबन साढ़े तीन घंटे जलती है और प्रति पीश पांच रुपए ही है तो वह उनके काम से काफी खुश हुए। सीडीओ के आदेश पर देव दिपावली पर तबस्सुम को 10 हजार मोमबत्तियों का आर्डर दिया गया। इन्हें देव दिपावली के दिन बलुआ घाट पर जलाया गया।