धूमधाम के साथ आगाज

मियां नजीर पार्क में ऑर्गनाइज एक प्रेस कांफ्रेंस में शाही मस्जिद फतेहपुरी के मुतवल्ली सईद खान ने बताया कि संगमरमरी इमारत के निर्माता बादशाह शाहजहां का सालाना तीन दिवसीय उर्स का आगाज सैटरडे को बड़े ही धूमधाम से हुआ। उर्स के पहले दिन ही हजारों की तादाद में लोगों ने इसमें अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। बादशाह के 357वें उर्स के मौके पर लोगों ने बादशाह के प्यार की इमारत को करीबी से देखा।

खुले मजार-ए-मुक्कदस के दरवाजे

शाहजहां और ममुताज महल की मजारों के दरवाजे वैसे तो साल भी बंद रहते हैं। इस दौरान मजारों को कोई भी नहीं देख पाता है। उर्स के पहले दिन ही दोनों की मजारों के देखने का मौका लोगों को करीब से मिला। मार्निंग में उर्स की रस्म अदायगी के बाद से दोनों की मजारों को लोगों ने नजदीक से देखकर मुहब्बत के बादशाह और उनकी बेगम के आगे सजदा किया। लोगों ने मजारों के आगे सिर झुकाने के लिए घ्ंाटों कतार में रहकर अपनी बारी का इंतजार किया।

शहर-ए-आगरा की मोहब्बती चादर

मुतवल्ली सईद खान के जानिब से 18 जून को शीर-ए-आगरा की 357 फीट लंबी मोहब्बती चादर को नमाज के बाद मजार-ए-मुक्कदस पर चढ़ाया जाएंगा। इससे पहले चादर को ऊंट बग्गी, बैंड बाजे, नगाड़ों, ढ़ोलों और कव्वालों के साथ सभी धर्मो के लोगों की मौजूदगी में आरके स्टूडियो, मच्चाखाना, मलको गली, पुरानी मंडी, तांगा स्टैंड, आपका बाजार, थाना चौक, मदरसा अफजल, पूर्वी गेट से होता हुआ ताजमहल स्थित मजार-ए-मुक्कदस पर चढ़ाया जाएंगा।

होंगे रोजा अफ्तार और लंगर

चादरपोशी के बाद चांद की 26 और 27 रजब को रोजेदारों को रोजा कराया जाएगा। रोजा अफ्तार के बारे में सईद खान ने बताया कि रोजा इस्लाम के पांच सकूनों में से एक है। यह सिर्फ अल्लाह के लिए होता है.वहीं, अन्य धर्मो के मानने वाले ताज परिसर में ही लंगर ऑर्गनाइज करेंगे। इनको छकने के लिए भारी तादाद में लोगों के शिरकत करने की उम्मीद है।

उर्स में पहुंचे प्रिंस तूसी ने शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि ताज महल पर पॉवर कट के चलते टूरिस्ट्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जब वो उर्स में भाग लेने ताज महल पहुंचे तो नीचे लाइट न होने के चलते अंधेरा छाया हुआ था। टोरेंट को फोन करने के बावजूद भी उनकी ओर से कोई सेस्टिफाइड करने वाला आंसर नहीं मिला। टोरंट के अगेंस्ट वो जल्द ही लीगल एक्शन लेने जा रहे हैं।