स्टेप टिकटिंग की योजना को अमलीजामा पहनाने की प्रोसेसिंग भी कंप्लीट हो चुकी है। फाइल शासन को भेज दी गई है। संभावना है कि चुनाव बाद इसको लागू कर दिया जाएगा। ईयर 2002 में बनी थी प्लानिंग

पुरातत्व विभाग ने इस योजना की प्लानिंग ईयर 2002 में की थी। तय किया गया था कि ताजमहल को दूर और पास से देखने के लिए अलग-अलग टिकट रखी जाएंगी। इसके साथ ही इंडियन और फॉरिनर्स के लिए अलग-अलग रास्ते भी बनाए जाएंगे।

टूरिस्ट के लोड को कम करने की कवायद

ताजमहल पर हर दिन पब्लिक की संख्या बढ़ती जा रही है। लोग दूर-दूर से ताज का दीदार करने पहुंच रहे हैं। इसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में ये आदेश दिया था कि ताजमहल पर स्टेट टिकटिंग की व्यवस्था की जाए। ताकि, ताजमहल पर बढ़ रहे पब्लिक के लोड को कम किया जा सके।

ऐसी है स्टेप टिकटिंग

गवर्नमेंट को भेजे गए प्रपोजल के अनुसार, ताज का दीदार करने के लिए दो टिकट लेनी होंगी। पहली टिकट मुख्य गेट से चमेली फर्श तक की होगी। यहां से ताजमहल का दीदार दूर से ही किया जा सकेगा। टूरिस्ट को वहीं से वापस आना होगा। अगर टूरिस्ट उसके आगे जाकर ताज का दीदार करना चाहता है तो उसके लिए अलग से टिकट की व्यवस्था होगी। इसके अलावा टूरिस्ट के लोड को देखते हुए पुरातत्व विभाग ने इंडियंस और फॉरिनर्स की टिकट खरीदने की लाइन भी अलग-अलग कर दी है.