तीन वर्ष लगातार सांप्रदायिक सौहार्द किया कायम तो इस बार सड़कों की दुर्दशा की वजह से लगा ब्रेक

ALLAHABAD: मोहर्रम की नौवीं तारीख यानि बीस सितम्बर को बड़ा ताजिया मोहर्रम कमेटी की ओर से बड़ा ताजिया नहीं निकाला जाएगा। वर्षो पुरानी इस रवायत के लिए जहां पिछले तीन वर्षो से नौवीं तारीख को दशहरा का त्योहार पड़ने की वजह से कमेटी ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करते हुए ताजिया नहीं निकाला था। इस बार ताजिया नहीं निकालने की सबसे बड़ी वजह ताजिया के मुख्य मार्गो निरंजन टाकीज, जानसेनगंज, चौक, ठठेरी बाजार, लूकरगंज व नखासकोहना में टूटी-फूटी सड़कें बनी हैं।

नहीं बनवाया गया ताजिया

ताजिया के मार्गो पर सड़क चौड़ीकरण व सीवर लाइन का कार्य चलने की वजह से बड़ा ताजिया मोहर्रम कमेटी ने ताजिया नहीं बनवाया है। खास बात है कि चार वर्ष पहले तक दो ताजिया बनवाया जाता था। इसमें दोनों का वजन तीन-तीन सौ किलोग्राम होता था। इसे मोहर्रम की नौवीं तारीख को निकालने के लिए दर्जनों अकीदतमंदों के द्वारा कंधा दिया जाता था। मोहर्रम कमेटी के महासचिव इमरान खां ने बताया कि निरंजन टाकीज से लेकर लूकरगंज तक सड़क चौड़ीकरण की वजह से रास्तों में गिट्टी की लाट लगी हुई है। इससे कंधा देने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता। इसलिए कमेटी ने ताजिया नहीं निकालने का निर्णय लिया है।

दसवीं को कर्बला में दफन होगा फूल

इस बार ताजिया नहीं निकाला जाएगा लेकिन बड़ा ताजिया इमामबाड़ा पर नौवीं तारीख को नियाज-फातिहा किया जाएगा। फिर दसवीं तारीख को दोनों ताजिए का फूल कर्बला में दफनाने के लिए गाड़ी में रखकर ले जाया जाएगा। कमेटी के अध्यक्ष रेहान खां ने बताया कि दसवीं तारीख को कर्बला में फूल दफनाने की इत्तिला अकीदतमंदों को दी जा रही है।

ऐहतराम से उठाया लकी की मेंहदी

गुलामाने पंजतन एकता कमेटी की ओर से सोमवार को संरक्षक हाजी मुश्ताक काजमी व ताजियादार सैयद कमरुद्दीन की सरपरस्ती में ऐहतराम के साथ लकी की मेंहदी उठाई गई। इसी तरह कोलहन टोली में मेंहदी शानो शौकत के साथ उठाई गई। जो कदीमी रास्तों दाराशाह अजमल, नखासकोहना, अहमदगंज से होते हुए बच्चा जी धर्मशाला होते हुए इमामबाड़ा कोलहन टोल पर वापस पहुंची। मेंहदी में कंधा देने वालों का तांता लगा रहा तो रास्ते भर या अली या हुसैन की सदाएं बुलंद होती रही। निसार खां, अनीस अहमद, वसीम खां आदि मौजूद रहे।