-शहर के ज्यादातर लाउंज में कमाई के लिए उड़ाई जा रही हैं नियम-कानूनों की धज्जियां

-पार्टी के नाम पर चंद घंटे का लाइसेंस लेकर पूरे दिन परोसी जाती है शराब, नहीं माने कोई शर्त

-प्राइवेसी के नाम पर होती है अश्लीलता, प्रतिबंध के बाद भी लेट नाइट तक चलता है डीजे

-रसूखदार लाउंज मालिकों की ऊपर तक रहती है सेटिंग, अफसर जानते हुए भी बंद रखते हैं आंखें

>KANPUR : शहर के ज्यादातर लाउंज में पार्टी के नाम पर नशाखोरी होती है। यह तो आपको पता चल चुका है। आज आपको बताते है कि लाउंज मालिक कैसे बार का लाइसेंस न होने के बाद भी वहां पर नशाखोरी करवाते हैं। वे प्रशासन से पार्टी के नाम पर कुछ घंटों का लिकर (शराब) का लाइसेंस लेते हैं। जिसकी आड़ में वे पूरे दिन नशाखोरी करवाते हैं। इन्हीं सब की आड़ में वे प्रतिबंध होने के बाद भी हुक्का और सूखा नशा करवाते हैं। इसके अलावा लाउंज मालिक ज्यादा पैसे कमाने के लालच में कई नियमों को दरकिनार कर देते हैं।

धुएं में उड़ा रहे नियम

पूर्व पुलिस अधिकारी आईबी सिंह बताते हैं कि लाउंज मालिक पार्टी के नाम पर प्रशासन में दस हजार रुपये फीस जमा कर लिकर लाइसेंस लेते हैं। यह लाइसेंस तीन से चार घंटे का होता है, लेकिन लाउंज मालिक इस लाइसेंस पर बार लाइसेंस की तरह यूज कर पूरे दिन कस्टमर को शराब परोसते है। यह लाइसेंस कई शर्तो के साथ दिया जाता है। जिसमें सबसे अहम नाबालिग को शराब नहीं पिलाए जाने की शर्त होती है। साथ ही लिकर (शराब) के कुछ ब्रांड और उनकी मात्रा तय होती है, लेकिन इसका भी पालन नहीं किया जाता है। बल्कि वहां पर इसी लाइसेंस पर हर ब्रांड की शराब के साथ हर उम्र वाले कस्टमर को शराब परोसी जाती है। शहर के ज्यादातर लाउंज मालिक रसूखदार हैं। उनकी प्रशासनिक, आबकारी और पुलिस अफसरों से सेटिंग रहती है। इसके चलते पर जिम्मेदार अफसर उन पर कार्रवाई करने से बचते हैं।

प्राइवेसी का दावा करके

बंद हो चुके एक लाउंज के ओनर ने बताया कि शहर में जितने भी लाउंज हैं। वहां पर ज्यादातर स्टूडेंट, कपल और हाई प्रोफाइल लोग जाते हैं। लाउंज मालिकों का दावा रहता है कि कस्टमर की प्राइवेसी में कोई दखल नहीं देगा। उसी लाउंज में भीड़ रहती है। जहां पर कस्टमर को ज्यादा प्राइवेसी दी जाती है। इसी प्राइवेसी के नाम पर लाउंज में अश्लीलता भी की जाती है।

लाउंज है तो हुक्का जरूर होगा

शहर के सभी लाउंज मालिक हुक्का न पिलाए जाने का दावा करते हैं। इसकी तस्दीक करने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने लाउंज में जाने वाले कुछ लोगों से बात की। उनका कहना है कि लाउंज का मतलब है कि वहां पर हुक्का जरूर होगा। लाउंज में लिकर का इंतजाम हो या न हो, लेकिन हुक्का जरूर मिल जाएगा। नाम न पब्लिश करने की रिक्वेस्ट पर लोगों ने बताया कि पैसे देने पर आराम से हुक्का अवेलेबल हो जाता है।

लेट नाइट तक डीजे

पूर्व मनोरंजन कर अधिकारी बीके शाही ने बताया कि शहर के ज्यादातर लाउंज में डांस फ्लोर और डीजे का भी इंतजाम रहता है। जहां लेट नाइट तक डीजे चलता है, जबकि शाम को आठ बजे के बाद डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शादी और अन्य समारोह में भी डीजे बजाने के लिए प्रशासन से परमीशन लेनी पड़ती है, लेकिन लाउंज में दिन से लेकर लेट नाइट तक डीजे चलता है। इस तरह लाउंज में कस्टमर की सुविधा के नाम पर सारे नियम और कानून को दरकिनार कर दिया जाता है।

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शहर के लाउंज में अभियान चलाया जाएगा। लाइसेंस के अलावा दूसरे कागजों को चेक किया जाएगा। किसी भी सूरत में कोई गड़बड़ी वहां नहीं होने दी जाएगी। जहां गड़बड़ी मिलेगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सतीश पाल, एडीएम सिटी, कानपुर नगर