-केजीएमयू का एक और कारनामा

- दिल में छेद की थी लड़की को बीमारी

- ऑपरेशन के इंतजार में गुजरे दो साल, अब कहा-नहीं हो सकता इलाज

LUCKNOW: दवा के सहारे जिंदगी को दिन-दिन आगे बढ़ा रही रुखसाना खातून को अब कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। रुखसाना की इस हालत की वजह हैं, धरती का 'भगवान' कहे जाने वाले वो डॉक्टर, जिन्होंने अब इलाज से हाथ खींच लिए हैं। मामला केजीएमयू का है, जहां दिल में छेद की बीमारी से परेशान रुखसाना और उसके परिजन पिछले दो साल से उस तारीख का इंतजार कर रहे थे, जब ऑपरेशन होता और बीमारी ठीक हो जाती। घरवालों ने पैसा भी दिया, खून भी। और, अब केजीएमयू के डॉक्टर्स ने कह दिया कि ऑपरेशन से भी रुखसाना के ठीक होने की उम्मीद नहीं है।

काला पड़ जाता था जिस्म

गोपालगंज (बिहार) निवासी रुखसाना खातून के दिल में जन्म से छेद है। बीमारी के चलते अक्सर उसका शरीर काला पड़ जाता था। परिजन 2014 में रुखसाना को लेकर केजीएमयू आए। यहां डॉ। एसके सिंह ने मरीज को देखा और कहा कि ऑपरेशन हो जाएगा। रुखसाना के पिता मोहम्मद अली बताते हैं कि खर्च 60 हजार बताया था। किसी तरह अपने सांसद के सहारे प्रधानमंत्री राहत कोष से पैसे की व्यवस्था की। डॉक्टर्स के कहने पर तीन यूनिट खून भी सीटीवीएस में जमा करवाया।

डॉक्टर चले गए विदेश

फोन पर मोहम्मद अली भर्राई हुई आवाज में कहा कि तीन महीने पहले वो बेटी को लेकर केजीएमयू आए। जिसके बाद 25 दिन रुखसाना यहां भर्ती रही। लेकिन, इतना वक्त बीतने के बावजूद उसका ऑपरेशन नहीं हो पाया। इसके बाद पूछताछ की तो परिवारवालों को बताया गया कि डॉ। एसके सिंह विदेश चले गए। मोहम्मद अली कहते हैं डॉक्टर बोले कि अब भर्ती नहीं कर सकते, अगली बार आना।

और फिर तोड़ दी उम्मीद

करीब हफ्ताभर पहले डॉ। एसके सिंह विदेश से वापस आए। लेकिन, इस बार उन्होंने ऑपरेशन से मना कर दिया और कहा कि ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। मोहम्मद अली इसके बाद सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ। शेखर टंडन से मिले। उन्होंने कहा कि मैं ऑपरेशन कर दूंगा। लेकिन, रिपोर्ट देखने के बाद उन्होंने भी कहा च् िबच्ची की हालत ज्यादा सीरियस है और ऑपरेशन के बाद भी ये बचेगी नहीं, इसे दवा पर ही रखो। जिसके बाद हमने फैसला किया कि ऑपरेशन नहीं करवाएंगे और वापस चले आए।

अगर मरीज को ऐसी दिक्कत है तो वह लिखित में हमारे पास शिकायत कर सकता है। इसके बाद हम उसकी समस्या को दूर करेंगे।

डॉ। एससी तिवारी, सीएमएस, केजीएमयू

हजारों रुपया सफर में फूंक दिया

मोहम्मद अली कहते हैं कि उम्मीद थी कि बेटी ठीक हो जाएगी। इसलिए केवल सफर में ही हजारों रुपया फूंक दिया। एक लाख रुपये इलाज पर खर्च हो चुका है। घर की माली हालत खराब हो गई है। डॉक्टर यही कहते रहे ऑपरेशन हो जाएगा, लेकिन बेड खाली नहीं है। और, अब ये जवाब सुनकर तो उम्मीदें ही टूट गईं।

सीटीवीएस में लूट का खेल जारी

सीटीवीएस विभाग में महंगी दरों पर वॉल्व खरीदने का मामला पिछले वर्ष भी उछला था। जिसके बाद अमा डायग्नोस्टिक से खरीद बंद कर केजीएमयू वेलफेयर सोसाइटी को जिम्मा देने की बात थी। लेकिन वित्त नियंत्रक ने इसमें अड़ंगा लगा दिया। जिसके कारण लगातार 32 हजार वाला वॉल्व मरीजों को 56 हजार में बेचने का खेल जारी है। ऑडिट रिपोर्ट में गंभीर खामियां सामने आई हैं। दो दिन पूर्व इसकी रिपोर्ट भी वीसी प्रो। रविकांत को मिल चुकी है। जिसमें एक पूर्व एचओडी पर गंभीर अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं। जिसके बाद वीसी प्रो। रविकांत ने तीन सदस्यी जांच कमेटी का गठन कर दिया है।