स्कूलों में देश के भविष्य को तैयार किया जाता है। यह शिक्षा का मंदिर कहलाता है, लेकिन बदलते समय के साथ सब कुछ बदल रहा है। सिटी के आदित्यपुर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में सारे रूल्स को ताक पर रखकर स्टूडेंट्स से शॉर्ट अटेंडेंस के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। स्टूडेंट्स से हजारों रुपए वसूले जा रहे हैं। स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स इस बात से परेशान हैं कि वे क्या करें.   स्टूडेंट्स को एग्जाम का एडमिट कार्ड तभी दिया जा रहा जब वे पैसे जमा कर रहे हैं।

1 percent short attendance पर 200 रुपए
स्कूल के 11th और 12th के स्टूडेंट्स के 1 परसेंट शॉर्ट एटेंडेंस पर उनसे 200 रुपए वसूले जा रहे। अगर किसी स्टूडेंट का 10 परसेंट एटेंडेंस शॉर्ट हैं, तो उन्हें 2 हजार रुपए देने होंगे। कई स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं, जिनसे 5 से 6 हजार रुपए भी लिए गए हैं। स्कूल में ११ह्लद्ध और १२ह्लद्ध के लगभग 5 सौ स्टूडेंट्स हैं। इनमें ज्यादातर स्टूडेंट्स का अटेंडेंस शॉर्ट है। इन सभी से स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन पैसे वसूल रहा है।

उन्हें punish तो करना ही होगा
वैसे तो रूल्स यह है कि 75 परसेंट से कम अटेंडेंस होने पर स्टूडेंट्स को एग्जाम में अपीयर होने से रोक दिया जाए। लेकिन कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन पैसे वसूलने के अपने रूल्स को अपना रहा है। स्टूडेंट्स से क्यों वसूले जा रहे पैसे? अटेंडेंस को लेकर बोर्ड का रूल्स क्यों नहीं फॉलो हो रहा? स्टूडेंट्स से कितने पैसे लिए गए और वह पैसा कहां खर्च होगा? इन सवालों पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने डीएवी आदित्यपुर के प्रिंसिपल एसपी शर्मा से बात की। उन्होंने इस मामले पर क्या कहा,
आइए जानते हैं

सवाल-    क्या यह सही है कि स्टूडेंट्स से शॉर्ट एटेंडेंस को लेकर इल्लीगल तरीके से पैसे वसूले जा रहे हैं?
जवाब-    हां यह बात तो सही है कि ऐसे स्टूडेंट्स से पैसे लिए जा रहे हैं। लेकिन हम उन्हें रिसीट भी दे रहे हैं।
सवाल-    किस तरह का रिसीट, क्या उसमें यह मेंशन है कि शॉर्ट अटेंडेंस होने की वजह से पैसे लिए जा रहे हैं?
जवाब-    नहीं रिसीट में ऐसा मेंशन नहीं है। हम बस कॉलेज के फी रिसीट पर उनसे पैसे ले रहे हैं।
सवाल-    क्या इस तरह का के रूल्स हैं कि शॉर्ट अटेंडेंस होने पर स्टूडेंट्स से पैसे लिए जाएंगे?
जवाब-    नहीं रूल्स तो यह नहीं है। जिनका अटेंडेंस शॉर्ट है, उन्हें पनिश तो करना ही होगा, इसीलिए उनसे पैसे लिए जा रहे हैं। अगर बोर्ड के रूल्स की बात करें, तो ये स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल नहीं हो पाएंगे।
सवाल-    इस तरह स्टूडेंट्स से पैसे वसूलना आपकी मनमानी नहीं है?
जवाब-    तो क्या आप चाहते हैं कि हम पैसे वसूलना बंद कर दें। इसे हम मनमानी नहीं मानते।
सवाल-    अटेंडेंस की बात एग्जाम टाइम में ही क्यों सामने आती है, कहीं वसूलने का ख्याल तो नहीं रहता?
जवाब-    ऐसा नहीं है, हम अटेंडेंस को लेकर कई बार स्टूडेंट्स को वार्न कर चुके थे। जब वे नहीं माने तो हम क्या करते?
सवाल-    आखिर स्टूडेंट्स स्कूल क्यों नहीं आना चाहते?
जवाब-    यह तो स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स ही बता सकते हैं। इसपर तो पैरेंट्स को ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
सवाल-    अब तक कितने पैसे वसूले जा चुके हैं?
जवाब-    यह हम नहीं बता सकते कि कितने पैसे लिए गए हैं। अभी तो स्टार्ट ही हुआ है। देखते हैं कि कितना होता है।
सवाल-    ये पैसे आप क्या करने वाले हैं?
जवाब-    स्कूल में खर्च किए जाएंगे। अब यह मत पूछिएगा कि किस चीज में खर्च किए जाएंगे।
सवाल-    तो क्या ये वसूली जारी रहेगी?
जवाब-    देखिए, ऐसा नहीं है। हमने कई स्टूडेंट्स को माफ भी कर दिया है।

हमसे शॉर्ट अटेंडेंस होने की वजह से पैसे वसूले जा रहे हैं। एक परसेंट कम होने पर 2 सौ रुपए लिए जा रहे हैं। इतने पैसे क्यों लिए जा रहे हैं, हमें नहीं मालूम।
- निशांत, स्टूडेंट (बदला हुआ नाम)

75 परसेंट से थोड़ा भी कम अटेंडेंस होने पर पैसे की डिमांड की जा रही है। यह तो गलत है। कोई एक्सक्यूज भी नहीं सुना जा रहा।
- सिवेश, स्टूडेंट (बदला हुआ नाम)

मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा कि जमशेदपुर के किसी स्कूल में ऐसा हो रहा है। शॉर्ट अटेंडेंस को लेकर कोई प्रिंसिपल पैसे कैसे वसूल सकता है। मैं तो अटेंडेंस को सही करवाने के लिए हमेशा स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स से बात करती रहती हूं। शॉर्ट अटेंडेंस को लेकर पैसे की वसूली की बात तो पहली बार सुन रही हूं।
- विपिन कुमार शर्मा, को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसई जमशेदपुर रीजन

अगर इस तरह स्टूडेंट्स से पैसे वसूले जा रहे हैं, तो यह एकदम गलत है। अगर हमारे पास रिटेन कंप्लेन आता है, तो हम इसपर तुरंत कार्रवाई करेंगे।
- अशोक शर्मा, डीईओ