एक टॉप टैरेरिस्ट ग्रुप के कमांडर ने बिजनेस नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन के यूज से जिहादियों की भर्ती की बात कही है. ये खुलासा रीसेंटली आई मीडिया रिर्पोट्स में हुआ है. एक फेमस इंग्लिश डेली के अकॉर्डिंग जमात-उल-अहरार टैरेरिस्ट ग्रुप के स्पोक्पसर्सन अहसानुल्लाह अहसान के लिंक्डइन पर 69 कनेक्शन हैं, जो इस साइट पर काफी बड़ा नेटवर्क चलाते हैं. सबसे बड़ी ये है कि अहसान ने साइट पर अपनी आइडेंटिटी को बिना हाइड किए खुद को जमात-उल-अहरार का स्पोक्सपर्सन डिक्लेयर किया है. अहसान ने खुद को सेल्फ इंपलॉयड बताते हुए जिहाद और जनर्लिज्म् को अपनी स्किल्स कहा है. इसके साथ उसने अपने स्कूल और बिजनेस के डिटेल के साथ डिफरेंट लेंग्वेजेस की अपनी नॉलेज के बारे में भी मेंशन किया है. उसने साइट पर अपना फोटोग्राफ भी अपलोड किया है.

एक हार्ड कोर टैरेरिस्ट के तौर पर फेमस अहसान अगस्त 2014 में जमात-उल-अहरार, तहरीक-ए-तानिबान (TTP) से अलग हो गया था. TTP ही 16 दिसंबर को पाकिस्तान में पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए अटैक के लिए रिस्पांसिबल था. इस अटैक में करीब 150 लोग मारे गए थे जिसमें से 140 बच्चे थे.  पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने अहसान पर 10 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है. ये ईनाम उस पर तब रखा गया जब उसने नोबेल पीस अवॉर्ड विनर और एजुकेशन को सर्पोट करने वाली टीनएज गर्ल मलाला यूसुफजई पर तालिबान के जानलेवा अटैक की रिस्पांसिबिलिटी ली थी.  अहसान का कहना था कि मलाला वेर्स्टन कल्चर से इंस्पायर्ड थी, वह तालिबान के अगेंस्ट थी और उसने अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा को अपना आइडियल बताया.

अब मीडिया में लिंक्डइन पर अहसान की इस प्रोफाइल को क्रिटिसाइज किया जा रहा है. पहले भी सोशल साइट्स जैसे फेसबुक और ट्विटर वगैरह को टैरेसिस्ट ग्रुप्स के यूज करने पर कंडम किया जाता रहा है. इससे पहले लास्ट इयर नंवबर भी मीडिया में ये रिर्पोटस आई थीं कि मिलिटेंटस ने ट्विटर पर अपने पास डर्टी बॉम्बस और न्यूक्लियर वैपंस के होने की बात कही थी,जिससे दहशत बढ़ गयी थी. IS ने भी जॉर्डन के पायलेट को किडनेप करके उसके मर्डर के लिए ट्विटर पर सजेशंस मांगे थे. डिफरेंट लीडर्स और कंट्रीज हेड को थ्रेट देने के लिए सोशल साइट्स का यूज तो मिलिटेंट ग्रुप्स काफी टाइम से कर रहे हैं.

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