तालिबान के एक प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने समाचार एजेंसी रॉयटर को बताया, "अमरीकियों ने आधुनिक तकनीक के ज़रिए हमारे मोबाइल फ़ोन को हैक कर लिया और उससे संदेश भेजा."

मई में मुल्ला उमर की मौत पर मीडिया ने ख़बर छापी थी और साथ ही ये ख़बर अफ़ग़ान टीवी पर भी प्रसारित की गई थी। पाकिस्तानी और अमरीकी अधिकारी इस रिपोर्ट को सिरे से ख़ारिज कर चुके है।

मुल्ला उमर को पकड़ने के लिए जब एक बड़ा अभियान चलाया गया तब वह वहाँ से भाग निकलने में सफल रहे थे।

बदला

माना जा रहा है कि वह तालिबान विद्रोहियों को अब भी प्रशिक्षण दे रहे हैं। समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार एक संदेश तालिबान नेता ज़बीहुल्लाह के फोन से भेजा गया जिसके ज़रिए ये घोषणा की गई कि मुल्ला उमर की मौत हो चुकी है।

तालिबान के प्रवक्ता ने इस बात से इंकार करते हुए कहा है कि तालिबान इसका बदला टेलीफ़ोन नेटवर्क सेवा देने वालों से लेगा। तालिबान के एक दूसरे प्रवक्ता क़ारी यूसफ़ अहमदी ने भी एएफ़पी को बताया कि उनका फ़ोन हैक किया गया था।

उनका कहना था, "वह संदेश ग़लत था। उन्होंने हमारा मोबाइल फ़ोन हैक कर लिया था और उससे कई लोगों को संदेश भेज दिया। वह अफ़ग़ान लोगों को धोखा देना चाहते हैं। ये ख़बर ग़लत है कि उमर की मौत हो गई है."

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