चाहते हैं इस्लाम के लिए शांति वार्ता

आतंकी संगठन के राजनीतिक झुकाव वाले सरगनाओं में शामिल एहसानुल्ला एहसान ने एक अखबार से कहा कि हम शांति और इस्लाम के लिए वार्ता चाहते हैं. जून में तालिबान प्रवक्ता पद से हटाए गए एहसान एक दिन पहले गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान के बयान का जवाब दे रहे थे. निसार ने कहा था कि सरकार तालिबान के सामने झुकेगी नहीं. एहसान ने कहा कि यदि निसार को युद्ध पसंद है तो उन्हें इसके लिए 100 फीसद तैयार हो जाना चाहिए. तालिबान ने अपने सारे विकल्प खुले रखे हैं.

वार्ता के लिए नहीं उठाए कदम

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ कह चुके हैं कि वह वार्ता करना चाहते हैं. मगर अभी तक ऐसा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इसके अलावा गृह मंत्री हमें सार्वजनिक चुनौतियां देते घूम रहे हैं. तालिबान ने पूर्ववर्ती पीपीपी सरकार के साथ फरवरी में सशर्त वार्ता का प्रस्ताव रखा था. इसे अस्वीकार कर सरकार ने कहा था कि वह पहले हथियार रखे और संविधान को स्वीकारे. आम चुनाव के बाद तालिबान ने देश में हमले तेज कर दिए हैं. दो महीनों के अंदर ही लगभग 400 लोग जान गंवा चुके हैं.

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