सिदगोड़ा थाना सैटरडे को उस वक्त लड़ाई के मैदान में तब्दील हो गया जब पुलिस एक वारंटी को अरेस्ट कर थाना ले गई। आक्रोशित बस्ती के लोगों ने थाना में प्रवेश कर पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी। थोड़ी देर हंगामे के बाद मामला तो शांत हो गया, लेकिन इस दौरान पुलिस की पूरी फजीहत हो गई थी।
पुलिस ने किया था अरेस्ट
इंफॉर्मेशन के मुताबिक फ्राइडे की रात करीब 2 बजे सिदगोड़ा पुलिस बाबूडीह लालभïट्टा से भोला सांडिल  को अरेस्ट कर थाना ले गई थी। भोला सांडिल बाबूडीह लालभïट्टा ग्र्राम समिति का प्रेसिडेंट भी है।
विरोध में किया थाना का घेराव
सैटरडे की मॉर्निंग जब मामले की जानकारी हुई तो लोग सिदगोड़ा थाना के पास जुटने लगे। वहां 150 से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा हो गयी थी। वे लोग पुलिस पर भोला को बेवजह अरेस्ट करने का आरोप लगा रहे थे। लोगों ने कहा कि अगर ऐसा ही था तो पुलिस ने उसे रात के अंधेरे में क्यों अरेस्ट किया। इसे लेकर लोगों ने वहां हंगामा भी किया।
थाने में घुस पुलिस की पिटाई
उत्तेजित लोग थाना के अंदर प्रवेश कर गए। लोगों ने थाना में प्रेजेंट पुलिसकर्मियों की भी पिटाई कर दी। थाना के केवल दो सिपाही ही लोगों की चंगुल से बच सके। इसके अलावा अन्य पुलिसकर्मियों को लोगों ने किसी न किसी तरीके से परेशान किया। इस बीच आरोपी की बहन ने अपने कपड़े फाड़ लिए और वहां हंगामा शुरू कर दिया।
पहुंचे पुलिस पदाधिकारी

घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) कन्हैया उपाध्याय सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी थाना पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझा कर मामला को शांत कराया.

अवैध शराब बिक्री का आरोप
पुलिस का कहना है कि भोला सांडिल को कोर्ट द्वारा जारी वारंट के आधार पर अरेस्ट किया गया था। इसका लोग विरोध कर रहे थे। उस पर अवैध रूप से शराब की बिक्री करने का आरोप था। इस पुराने मामले में कोर्ट द्वारा जारी वारंट के आधार पर उसकी अरेस्टिंग की गई है। फिलहाल पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
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वरंट के आधार पर आरोपी को अरेस्ट किया गया था। इसका लोग विरोध कर रहे थे। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। जहां तक पुलिसकर्मी की पिटाई का सवाल है तो संबंधित पुलिसकर्मी के बयान के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। इसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कन्हैया उपाध्याय, डीएसपी(लॉ एंड ऑर्डर), जमशेदपुर