-नौ वर्ष पहले एक केस में जेल से बाहर निकलने के लिए माखन लाल ने मांगी थी मन्नत

-जेल से छूटने के बाद माखन लाल अन्य ग्रामीणों के साथ गए थे पूर्णागिरि पैदल

BAREILLY :

पूर्णागिरि हादसे में मौत का शिकार हुए माखन लाल की पत्नी पार्वती एक साथ तीन शव देखकर बदहवास हो गई। पार्वती ने रोते हुए बताया कि नौ वर्ष पहले इस परम्परा को गांव में उनके ही पति ने शुरू की थी जो आज उनके ही मौत का कारण बन गई। माखन लाल के साथ हादसे में उनके दो बेटों की भी मौत हो गई। अब परिवार में एक ही छोटा बेटा बचा है।

8 ग्रामीणों के साथ शुरू की थी यात्रा

मृतक माखन लाल की पत्नी पार्वती ने बताया कि उनके गांव में नौ वर्ष पहले एक बारात आई थी। उस बारात में मारपीट हो गई थी, जिसमें माखन लाल के खिलाफ केस हो गया और उन्हें जेल जाना पड़ा। जेल जाने पर माखन लाल ने जेल में ही पूर्णागिरि मां से मन्नत मांगी थी कि वह जेल से छूट जाएं और केस में फैसला हो जाए तो वह दर्शन करने के लिए पैदल आएंगे। इसी दौरान केस में फैसला हो गया, और माखनलाल जेल से छूट गए। उसी वर्ष माखन लाल पैदल गांव 8 श्रद्धालुओं के साथ पूर्णागिरि दर्शन के लिए गए थे। उनकी श्रद्धा को देखते हुए गांव के अन्य लोग प्रतिवर्ष दर्शन के लिए जाने लगे।

चंदा करके जुटाते थे राशन और रुपए

ग्रामीणों के साथ पैदल पूर्णागिरि जाने से पहले सभी श्रद्धालु आपस में चंदा करके रकम जुटाते थे और राशन भी। जमा रकम को मंहत के पास और राशन के लिए खाने पीने में यूज के लिए ट्रॉली में रख लेते थे रास्ते में वह जहां कहीं पर भी रुकते थे, वहीं पर अपने आप ही खाना बनाकर खाते थे। ग्रामीणों ने बताया कि वह उनके गांव में 140 परिवार 500 वोटर है जबकि आवादी 800 है। लेकिन अधिकांश परिवार पूर्णागिरि देवी मां के प्रति श्रद्धा रखते हैं, और वह हर वर्ष पूर्णागिरि दर्शन के लिए पैदल ही जाते हैं। ग्रामीणों ने चंदा करके पिछले वर्ष ही देवी मां की चांदी की प्रतिमा मंगवाई थी। जिसे वह सिंहासन पर विराजमान करके पूर्णागिरि तक ले जाते थे।