- पिता के साथ खेती में हाथ बंटाने के बाद पढ़ाई पर देता था ध्यान

BAREILLY:

राजकुमार घर पर पिता का हाथ बंटाने के साथ ही पढ़ाई में अव्वल था। नवाबगंज बुखारपुरा के रहने वाले नन्हें लाल के साथ बेटा राजकुमार (16) वर्ष भी पूर्णागिरी दर्शन को गया था। लेकिन दर्दनाक हादसे में राजकुमार ने पिता के आंखों के सामने ही दम तोड़ दिया। नन्हें लाल और त्रिवेणी देवी का राजकुमार इकलौता बेटा था। जैसे ही राजकुमार की मौत की खबर घर पर पहुंची तो घर पर कोहराम मच गया। मां बेटे की मौत की खबर सुनते ही बेसुध हो गई। जब भी होश आता बेटे को पुकारती और फिर बेहोश हो जाती। रिश्तेदार ढांढस बंधाने की कोशिश करते, लेकिन बेटे को खोने के गम ने मां त्रिवेणी को खुद की सुध न रही।

राजकुमार से मामा ने की थी बात

मामा भद्र सिंह ने बताया कि थर्सडे रात उनकी राजकुमार से फोन पर बात हुई थी। उस समय वह चक्रपुर मंदिर के पास था। राजकुमार ने बताया था कि वह लोग मां के दर्शन के लिए 2 बजे रात्रि में निकलेंगे। मां के दर्शन करने को लेकर राजकुमार काफी खुश था। वह पढ़ाई में बहुत ही अच्छा था। उसके घर पर 4 बीघा खेती है। राजकुमार खेती में पिता का हाथ बंटाता था। उसके बाद पूरा ध्यान पढ़ाई पर रहता था। इसी वर्ष आरपी गंगवार जूनियर हाई स्कूल से 7 वीं क्लास पास की है। जिसमें राजकुमार के काफी 86 परसेंट माक्सर्1 आए थे।

सूना हो गया घर-आंगन

राजकुमार अपने पिता के बराबर खटिया डाल कर ही सोता था। लेकिन अब सारा घर इकलौते बेटे की मौत के बाद सूना हो गया। मां को जब भी होश आ रहा था तो वह रो-रो कर बस यही बात कह रही थी। अब मेरे साथ कौन बाते करेगा। कौन मां कहकर पुकारेगा। हाय मेरा बेटा कहा चला गया तू।