एनआईए अधिकारी तंजील की हत्या का है मुख्य आरोपी

LUCKNOW: एनआईए अफसर तंजील अहमद व उनकी पत्‍‌नी फरजाना की हत्या करने वाले कुख्यात अपराधी मुनीर को यूपी एसटीएफ ने मंगलवार को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। उसके साथी अंबेडकरनगर निवासी अदनान को भी एसटीएफ ने दबोचा है जो फरारी में उसकी मदद कर रहा था। तंजील की हत्या के बाद मुनीर की गिरफ्तारी पर दो लाख रूपये का इनाम घोषित किया गया था। पिछले तीन महीने से एसटीएफ और एनआईए उसकी तलाश में जगह-जगह की खाक छान रही थी। मुनीर की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक नोएडा रवाना हो गये जहां उन्होंने दोनों से गहन पूछताछ की। मुनीर के पास से राजधानी के गोमतीनगर इलाके में स्थित जुगौली क्रॉसिंग से जस्टिस के गनर से छीनी गयी पिस्टल भी बरामद हुई है। साथ ही हसनगंज में एटीएम लूटकांड में भी उसका हाथ होने का शक जताया जा रहा है।

चार शहरों में काटी फरारी

एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि तंजील अहमद की हत्या के बाद मुनीर अहमदाबाद, दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा में घूम-घूमकर फरारी काट रहा था। पिछले कुछ दिनों से वह अपने दो साथियों के साथ गाजियाबाद में रह रहा था। उसके छिपने के संभावित ठिकानों पर छापेमारी के दौरान उसके दो साथी सादाब व अतीउल्ला पकड़े गये थे। वहीं मोबाइल इस्तेमाल न करने की वजह से मुनीर पुलिस की गिरफ्त से दूर था। सोमवार को मुखबिर ने उसके नोएडा में होने की सूचना दी जिसके बाद एसटीएफ नोएडा की टीम ने आसपास के इलाकों की घेराबंदी शुरू कर दी। आज सुबह एसटीएफ को सूचना मिली कि मुनीर अपने साथी से मिलकर साहबेरी से नोएडा की ओर आने वाला है, एसटीएफ ने घेराबंदी कर ली और मामूली मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि तंजील अहमद मेरे कामकाज पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रहा था। मेरे साथियों ने मुझे बताया था कि दिल्ली के कमलानगर में डेढ़ करोड़ रूपये की बैंक लूट के बाद आशुतोष को तंजील ने ही मुखबिरी करके पकड़वाया था। धामपुर वाली लूट के पश्चात् बिजनौर पुलिस ने तंजीम व रेयान को पूछताछ के लिये उठाया था, लेकिन उन्होने मेरे बारे में कुछ नहीं बताया। उसने दिल्ली आकर मुझे बताया कि तंजील ने ही मुखबिरी पुलिस से की है और वह तुम्हें भी गिरफ्तार कराने की फिराक में है। जब इसकी शिकायत मैंने तंजील अहमद से की तो उसने कहा कि जरूर तुम कोई गलत काम कर रहे हो। तभी मैंने उसे ठिकाने लगाने की ठान ली। कई बार उनकी हत्या का प्रयास भी किया लेकिन सफल नहीं हो सका। विगत दो अप्रैल को पता चला कि तंजील अपने रिश्तेदार की शादी में गांव आने वाला है। इसके बाद मैंने शादी से लौटने के दौरान रेयान के साथ मिलकर तंजील अहमद की हत्या कर दी जिसमें उनकी पत्‍‌नी फरजाना भी घायल हो गयी।

लंबा आपराधिक रिकार्ड

मुनीर का लंबा आपराधिक रिकार्ड है। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान वह आपराधिक प्रवृत्ति के छात्रों के सम्पर्क में आया। इस दौरान उसकी मुलाकात आशुतोष मिश्रा से हुई। यही से मुनीर ने जरायम की दुनिया में कदम रखा। आशुतोष का युनिवर्सिटी के आलमगीर से विवाद चल रहा था। एक झगड़े में आशुतोष को काफी चोट आई थी जिसका उन्होंने आलमगीर के साथी कादिर पर हमला करके बदला भी लिया था। आशुतोष अलीगढ़ के हिस्ट्रीशीटर हरेन्द्र सिंह के संपर्क में था जिसके कहने पर उसने आशुतोष के साथ मिलकर एक व्यापारी की हत्या अलीगढ़ में की थी। इसके अलावा रामघाट रोड़ पर पीडब्लूडी ठेकेदार मनदीप को गोली मार कर उसकी लाइसेंसी रिवाल्वर छीनी थी। तत्पश्चात सऊद के साथ मिलकर तालशपुर ग्राम प्रधान से 38 वाहिनी पीएसी से लाइसेंसी रिवाल्वर गोली मारकर लूटी थी। इसके बाद मुनीर और आशुतोष ने कुछ बड़ा करने की योजना बनाई और वर्ष 2014 में इंडसइंड बैंक रामघाट रोड़ के कर्मचारी वरूण की मुखबीरी पर दोनों ने थाना क्षेत्र बन्नादेवी से गार्ड को गोली मारकर करीब 34 लाख लूट लिया। इसमें 15 लाख रूपये वरूण को मिले, बाकी पैसा उन्होंने हाथरस निवासी दीपू ठाकुर को रखने के लिए दिया, लेकिन वह पैसे लेकर गायब हो गया। एक महीने बाद उन्होंने रेलवे रोड़ पीएनबी के सामने से बैंक कर्मचारी से कैश वैन से 31 लाख रूपये लूटे। अलीगढ़ में आलमगीर से झगड़े के कारण ही सेंटर प्वांइट अलीगढ़ विश्वविद्यालय में तला नामक छात्र पर हमला किया लेकिन वह बच गया। इसके बाद दोनों दिल्ली में रहने लगे जहां आमिर ने तीस हजारी के पास व कमलानगर घंटाघर के पास दो फ्लैट किराये पर दिलवाये थे। 29 नवंबर 2014 को कमलानगर से एसआईएस कैश वैन के कर्मचारियों द्वारा एटीएम में पैसा डालने के दौरान गार्ड की हत्या करके कैश से भरा सूटकेस लूट लिया, जिसमें 1.5 करोड़ रूपये थे। घटना के बाद हम लखनऊ जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी आशुतोष पकड़ा गया। मैं सारा रूपया लेकर जानसठ अपने मामा के घर गया, जहां से मामा के लड़के साकिब के माध्यम से सहसपुर निवासी रिजवान को रूपया दिया गया, जिसने एक प्लॉट मेरे लिये खरीदा। इसके बाद मुनीर ने अपने साथी सउद के साथ अपराध करना शुरू कर दिया। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के पीछे जनता होटल के पीछे सिपाही सुरेश बाबू को गोली मारकर उसकी सरकारी पिस्टल लूटी जिसमें मुनीर के हाथ में गोली भी लग गयी थी। यह पिस्टल उसने अपने साथी फहद व जुबैर के भाई सद्दाम को दी। बाद में जब सददाम से पिस्टल मांगने गये तो उसने देने से इंकार कर दिया। गुस्से में आकर मुनीर ने उसकी भी हत्या कर दी। सितम्बर 2015 में मुनीर और सउद अलीगढ़ आये। सउद जेल में आशुतोष से मिलकर आया तो आलमगीर से बदला लेने की बात कहीं। इसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय में आलमगीर की हत्या कर दी। फरारी के दौरान वह लखनऊ के कल्याणपुर में अपने साथी इमरान के पास रहा। एक दिन गोमतीनगर रेलवे क्त्रासिंग के पास जज के गनर के पास से गोली मारकर सरकारी पिस्टल लूट ली। इसके बाद दोनों बिजनौर आ गये और बैंक से कैश लूटने की योजना बनारी। विगत 28 दिसंबर को धामपुर पीएनबी बैंक के सामने से कैश वैन के गार्ड व कर्मचारी को गोली मारकर अटैची व बोरे में 91 लाख रूपया लूट लिया। इस वारदात में बिजनौर के रिजवान, तंजीम, रेयान के अलावा सउद भी थे। इसके बाद वह दिल्ली आ गया जहां उसके गांव के तंजील अहमद भी रहते थे।

तंजील को दिए था साठ लाख

एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक मुनीर ने तंजील को साठ लाख रुपये फ्लैट और एके-47 खरीदने के लिए दिए थे। बाद में तंजील इस पैसे को वापस करने में आनाकानी कर रहा था। वह बार-बार मुरादाबाद जाकर मुनीर के पिता को पैसे वापस करने का आश्वासन भी देता रहा। इसी बीच मुनीर को शक हो गया कि तंजील उसे ठिकाने लगवाने के लिए पुलिस से मुखबिरी भी कर रहा है।

बरामदगी

नाइन एमएम की पिस्टल, .32 बोर की पिस्टल, .32 बोर की रिवाल्वर, 90 हजार रुपये नगद, पल्सर बाइक व कई कारतूस।