- 10 करोड़ की वसूली का दिया टारगेट

- 2.5 करोड़ रुपये का टारगेट प्रत्येक जोन को दिया गया

- 4 जोन में है मेरठ में प्राधिकरण के

- 1309 ऐसे निर्माण हैं जो मानकों को दरकिनार कर बनाए गए

- 1.15 करोड़ रुपये की ही वसूली कर सका है जोन डी

- 48 लाख रुपये ही महज वसूल सका है जोन बी

अखिल कुमार

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ: सूबे की योगी सरकार के दबाव के बाद अवैध निर्माणों पर प्राधिकरण ने शिकंजा कस दिया है तो वहीं कम्पाउंडिंग से प्राधिकरण अब 'अमीर' बनने की राह पर है। दरअसल, प्राधिकरण सचिव राजकुमार ने जोन प्रभारियों को कम्पाउंडिंग कॉस्ट के तौर पर 10 करोड़ की वसूली का टारगेट दिया है। वे रोजाना जोनवार वसूली की समीक्षा भी कर रहे हैं।

कम्पाउंडिंग की लिस्ट तलब

अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई के साथ-साथ जिन निर्माणों को कम्पाउंड किया जा सकता है उनकी लिस्ट प्राधिकरण सचिव ने जोनवार, प्रभारियों से तलब की है। बता दें मेरठ विकास प्राधिकरण के रिकार्ड में शहर में 1309 ऐसे निर्माण हैं जो मानकों को दरकिनार कर बनाए गए हैं। ये अवैध हैं और संबंधित जोन अधिकारी द्वारा ध्वस्तीकरण नोटिस दिए जा चुके हैं। इनमें से कुछ अवैध निर्माण ऐसे भी हैं जो कम्पाउंड किए जा सकते हैं। ऐसे निर्माणों को चिह्नित कर उन्हें नोटिस जारी करने के निर्देश एमडीए सचिव ने जोन प्रभारियों को दिए हैं।

देने होंगे ढाई करोड़

सचिव ने बताया कि मेरठ के चार जोन को कम्पाउंडिंग के माध्यम से 10 करोड़ की वसूली का टारगेट दिया है। हर जोन को 2.5-2.5 करोड़ रुपये माह के अंत तक प्राधिकरण के खाते में जमा कराने होंगे। सचिव वसूली सुनिश्चित करने के लिए जोन के अधिकारियों के साथ रेगुलर मीटिंग कर रहे हैं। जोन डी ने अभी तक 1.15 करोड़ रुपये की वसूली कर पाई है जोन बी ने महज 48 लाख वसूले हैं। बुधवार को सचिव ने जोन बी के अधिकारियों को वसूली बढ़ाने के निर्देश देते हुए ऐसे निर्माणों की पृथक सूची बनाने के निर्देश दिए हैं जो कम्पाउन्डेबल हों।

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सभी जोन को अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण के आदेश दिए गए हैं। साथ ऐसे निर्माण जो कम्पाउंड हो सकते हैं उनकी कम्पाउंडिंग के लिए कहा गया है। सभी जोन का लक्ष्य 10 करोड़ रुपये है।

-राजकुमार, सचिव, एमडीए