छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा स्टील देश की उन टॉप-10 कंपनियों में शामिल है जहां कर्मचारियों को बेहतर काम का माहौल मिलता है. देश की एक बिजनेस पत्रिका द्वारा किए गए सर्वे में इसका खुलासा हुआ है. मैन्यूफैक्च¨रग सेक्टर में टाटा स्टील देश की पहली ऐसी कंपनी है जहां सप्ताह में पांच दिवसीय काम होता है.

1908 में स्थापित टाटा स्टील देश की पहली ऐसी कंपनी है जहां आठ घंटे का कार्यदिवस, छुट्टी के दिन काम के बदले पैसे, कर्मचारी भविष्य निधि, मातृत्व अवकाश जैसे कई सुविधाएं शुरू हुई, बाद में इसे अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ ने अपनाया और वैश्विक स्तर पर इसे प्रभावी किया. टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट, एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी का कहना है कि हम अपने युवा कर्मचारियों को प्रमोशन का पूरा अवसर देते हैं. इसके लिए उन्हें एनआइटी जैसी संस्था में क्षमता विकास का मौका दिया जाता है. वहीं, हर कर्मचारी अपने काम और परिवार के बीच सामंजस्य रखे, कंपनी इसका भी ख्याल रखती है. वहीं, देश में जब मैन्यूफैक्च¨रग सेक्टर में महिला कर्मचारियों की संख्या तीन से आठ प्रतिशत थी तब टाटा स्टील में 11 प्रतिशत, लगभग सात हजार से ज्यादा महिलाएं कार्यरत थीं. इसे 2020 तक बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की योजना है. कंपनी नियमित रूप से अपने कर्मचारियों के क्षमता विकास पर काम करती है इसलिए उसे कभी भी दक्ष्य मैनपावर की कमी नहीं हुई. कंपनी प्रबंधन अपने कर्मचारियों के क्षमता विकास, प्रमोशन, क्वालिटी मैनेजमेंट का पूरा ख्याल रखती है.