प्लांट सही खरीदार को

ब्रिटेन में पिछले काफी समय से टाटा के स्टील कारोबार पर आर्थिक मंदी का असर साफ दिख रहा है। ऐसे में इधर टाटा ग्रुप में मुंबई में बोर्ड बैठक कर वहां के कारोबार बंद करने का ऐलान किया है। हालांकि टाटा के इस फैसले को लेकर ब्रिटेन की सरकार भी हिल गई। उसने टाटा के अधिकारियों से भी इस संबंध में बात की थी। जिसके बाद ब्रिटेन सरकार इस कोशिश में जुट गई कि प्लांट सही खरीदार को बेचे जाएं। सही ख्ारीददार मिलने पर यह कारोबार बंद नहीं होगा। इस कारोबार में 15 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे में अब सरकार की इस कोशिश के तहत टाटा स्टील ने अपना ब्रिटिश कारोबार बेचना शुरू कर दिया है। सबसे पहले कंपनी ने लॉन्ग प्रोडक्ट यूरोप नाम की कारोबारी यूनिट को यहां पर निवेश फर्म ग्रेबुल कैपिटल को बेच दिया। सबसे खास बात तो यह है कि टाटा ने यह कंपनी बहुत ही मामूली रकम पर बेच दिया है। यह सौदा एक पौंड (करीब 95 रुपये) की मामूली कीमत पर हुआ है।

पोर्ट टालबोट प्लांट पर

जिसमें उत्तरी इंग्लैंड की स्कनथोर्प जैसी यूनिट आती है। स्कनथोर्प की बिक्री के बाद अब पूरा फोकस पोर्ट टालबोट प्लांट पर रहेगा। वहीं इस संबंध में लॉन्ग प्रोडक्ट यूरोप के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन बिमलेंद्र झा का कहना है कि यह कंपनी ने काफी बेहतर कदम उठाया है। इतना ही नहीं इसके तहत ब्रिटेन में दो स्टील कारखाने, एक इंजीनियरिंग वर्कशॉप व एक डिजाइन कंसल्टेंसी और फ्रांस की एक मिल शामिल है। इससे यहां पर करीब पर करीब 4,400 लोगों की नौकरी बच गई है। इसके अलावा फ्रांस की मिल में कार्यरत करीब 400 लोगों को भी बेरोजगारी की मार नहीं झेलने पड़ेगी। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि इस करार के बाद अब ग्रेबुल अपनी ओर से इसमें एक बड़ानिवेश करेगी। ग्रेबुल अब करीब 40 करोड़ पौंड (करीब 3,800) करोड़ रुपये के निवेश के साथ इसे काफी तेजी से स्ट्रांग बनाएगी।

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