अमित वैश्य सिविल लाइंस एरिया में रहते हैं। अमित की फैमिली ज्वैलरी बिजनेस से जुड़ी हुई है। इनका चौक में अपना शो रूम है। पूरे परिवार के टैटू क्रेजी होने की जानकारी होने पर आई नेक्स्ट अमित से मिला और इस चेंज की वजह जानने की कोशिश की। इस पर अमित ने बताया कि चार साल पहले वह गोवा घूमने गए थे। गोवा की आबोहवा बेहद पसंद आई। लेकिन, एक चीज ऐसी भी थी जो अपनी ओर खींच रही थी। अमित कहते हैं कि वहां लोगों की बॉडी पर टैटू देखा तो मन डोल गया। उन्होंने भी बाइसेफ पर टैटू गोदवा लिया.
Family members impress
गोवा से लौटने पर अमित के बाइसेफ पर फैमिली मेम्बर्स ने टैटू देखा तो आश्चर्यचकित रह गए। अमित के अनुसार हर कोई यह जानने की कोशिश में लग गया कि यह टैटू कैसे बनता है? घर वालों को यह जानने में ज्यादा क्यूरिऑसिटी थी कि क्या इसे गोदवाने में पेन भी होता है। इस पर अमित के जवाब कि, ऐसा कुछ नहीं होता, फैमिली मेम्बर्स बेहद इम्प्रेस हुए। छोटे भाई ने तो जिद पकड़ ली कि उसे भी भी बॉडी पर टैटू बनवाना है। अमित के फ्रेंड भी इससे प्रभावित थे.
हबीब ने बनाया tattoo
कुछ समय पहले ही अमित की दोस्ती धूमनगंज के रहने वाले हसीब से हुई। हसीब को बचपन से ही आर्ट से लगाव था। अमित ने ही हसीब को टैटू बनाने से जुडऩे को कहा। हसीब के एग्री कर जानेे के बाद अमित ने उसे अपने फ्रेंड्स से मिलवाया तो उन्होंने भी टैटू बनवाए। इसकी जानकारी अमित के घर वालों को हुई कि अब इलाहाबाद में भी टैटू बन जाएगा तो वे खुश हो गए। उन्होंने हसीब को घर पर बुलाया.
Back से लेकर chest तक
हसीब के घर आने पर अमित के बड़े भाई सुमित ने अपने दोनों हाथों पर टैटू गोदवाया और अपना नाम भी लिखवाया। बड़े ऐसा कर रहे थे तो छोटे कहां पीछे रहने वाले थे। अमित के छोटे भाई विवेक वैश्य ने अपने बैक साइड पर टैटू बनवाया। छोटे भाई आकाश ने तो चेस्ट पर ही भगवान शिव का टैटू बनवा लिया। यह देख दादी मां भी जोश में आ गईं और उन्होंने भी अपने हाथ पर ओम का चिन्ह बनवाया। दादी को देखकर अमित की पत्नी और बहनें भी कहां पीछे रहने वाली थीं। उन्होंने भी अपने वाइसेफ पर बटरफ्लाई बनवाया। अब इस परिवार के लगभग प्रत्येक सदस्य की बॉडी पर मन पसंद टैटू मौजूद है.
Career बनाना चाहता है
अमित के फैमिली मेम्बर्स की बॉडी पर टैटू बनाकर सबका दिल जीतने वाले हसीब को भी यह प्रोफेशन भा गया है। उन्होंने कहा कि अब वह इसी को अपना कॅरियर बनाएगा। हसीब ने बताया कि वह जयपुर में आयोजित टैटू मेकिंग काम्पिटिशन में भाग ले चुका है। वहां उसे सेकंड पोजीशन मिली थी। फिलहाल वह यूं ही घूम-घूम कर फ्रेंड्स अपने क्लोज के टैटू बना रहा हैं। इसे से उसे थोड़ी-बहुत अर्निंग भी हो जाती है। वैसे एक छोटा टैटू बनाने में कम से कम एक हजार रुपए मिल जाता है.
Movies ने बढ़ाया है craze
एक्चुअली आज की हमारी लाइफ स्टाइल पर मूवीज काफी इफेक्ट डालती हैं। यंगस्टर को टैटू इसलिए भी ज्यादा अटैक्ट करता है क्योंकि हॉलीवुड के साथ बॉलीवुड मूवीज के हीरो और विलेन दोनों ही टैटू लगाए दिखते हैं। यह उनकी बॉडी के प्रति अट्रैक्शन क्रिएट करते हैं। इसमें जॉन इब्राहिम का नाम सबसे आगे है। इसी तरह आज कल की फिल्मों में गल्र्स भी टैटू लगाए नजर आती हैं। यह फैशन और एडवांस सोच को दर्शाता है। शायद यही कारण है कि आजकल की गल्र्स भी टैटू की उतनी ही दीवानी हैं, जितने ब्वायज.
चौक में है अपना showroom
अमित वैश्य सिविल लाइंस एरिया में रहते हैं। अमित की फैमिली ज्वैलरी बिजनेस से जुड़ी हुई है। इनका चौक में अपना शो रूम है। पूरे परिवार के टैटू क्रेजी होने की जानकारी होने पर आई नेक्स्ट अमित से मिला और इस चेंज की वजह जानने की कोशिश की। इस पर अमित ने बताया कि चार साल पहले वह गोवा घूमने गए थे। गोवा की आबोहवा बेहद पसंद आई। लेकिन, एक चीज ऐसी भी थी जो अपनी ओर खींच रही थी। अमित कहते हैं कि वहां लोगों की बॉडी पर टैटू देखा तो मन डोल गया। उन्होंने भी बाइसेफ पर टैटू गोदवा लिया.
Family members impress
गोवा से लौटने पर अमित के बाइसेफ पर फैमिली मेम्बर्स ने टैटू देखा तो आश्चर्यचकित रह गए। अमित के अनुसार हर कोई यह जानने की कोशिश में लग गया कि यह टैटू कैसे बनता है? घर वालों को यह जानने में ज्यादा क्यूरिऑसिटी थी कि क्या इसे गोदवाने में पेन भी होता है। इस पर अमित के जवाब कि, ऐसा कुछ नहीं होता, फैमिली मेम्बर्स बेहद इम्प्रेस हुए। छोटे भाई ने तो जिद पकड़ ली कि उसे भी भी बॉडी पर टैटू बनवाना है। अमित के फ्रेंड भी इससे प्रभावित थे.
हबीब ने बनाया tattoo
कुछ समय पहले ही अमित की दोस्ती धूमनगंज के रहने वाले हसीब से हुई। हसीब को बचपन से ही आर्ट से लगाव था। अमित ने ही हसीब को टैटू बनाने से जुडऩे को कहा। हसीब के एग्री कर जानेे के बाद अमित ने उसे अपने फ्रेंड्स से मिलवाया तो उन्होंने भी टैटू बनवाए। इसकी जानकारी अमित के घर वालों को हुई कि अब इलाहाबाद में भी टैटू बन जाएगा तो वे खुश हो गए। उन्होंने हसीब को घर पर बुलाया.
Back से लेकर chest तक
हसीब के घर आने पर अमित के बड़े भाई सुमित ने अपने दोनों हाथों पर टैटू गोदवाया और अपना नाम भी लिखवाया। बड़े ऐसा कर रहे थे तो छोटे कहां पीछे रहने वाले थे। अमित के छोटे भाई विवेक वैश्य ने अपने बैक साइड पर टैटू बनवाया। छोटे भाई आकाश ने तो चेस्ट पर ही भगवान शिव का टैटू बनवा लिया। यह देख दादी मां भी जोश में आ गईं और उन्होंने भी अपने हाथ पर ओम का चिन्ह बनवाया। दादी को देखकर अमित की पत्नी और बहनें भी कहां पीछे रहने वाली थीं। उन्होंने भी अपने वाइसेफ पर बटरफ्लाई बनवाया। अब इस परिवार के लगभग प्रत्येक सदस्य की बॉडी पर मन पसंद टैटू मौजूद है.
Career बनाना चाहता है
अमित के फैमिली मेम्बर्स की बॉडी पर टैटू बनाकर सबका दिल जीतने वाले हसीब को भी यह प्रोफेशन भा गया है। उन्होंने कहा कि अब वह इसी को अपना कॅरियर बनाएगा। हसीब ने बताया कि वह जयपुर में आयोजित टैटू मेकिंग काम्पिटिशन में भाग ले चुका है। वहां उसे सेकंड पोजीशन मिली थी। फिलहाल वह यूं ही घूम-घूम कर फ्रेंड्स अपने क्लोज के टैटू बना रहा हैं। इसे से उसे थोड़ी-बहुत अर्निंग भी हो जाती है। वैसे एक छोटा टैटू बनाने में कम से कम एक हजार रुपए मिल जाता है.
Movies ने बढ़ाया है craze
एक्चुअली आज की हमारी लाइफ स्टाइल पर मूवीज काफी इफेक्ट डालती हैं। यंगस्टर को टैटू इसलिए भी ज्यादा अटैक्ट करता है क्योंकि हॉलीवुड के साथ बॉलीवुड मूवीज के हीरो और विलेन दोनों ही टैटू लगाए दिखते हैं। यह उनकी बॉडी के प्रति अट्रैक्शन क्रिएट करते हैं। इसमें जॉन इब्राहिम का नाम सबसे आगे है। इसी तरह आज कल की फिल्मों में गल्र्स भी टैटू लगाए नजर आती हैं। यह फैशन और एडवांस सोच को दर्शाता है। शायद यही कारण है कि आजकल की गल्र्स भी टैटू की उतनी ही दीवानी हैं, जितने ब्वायज.
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