-निगम प्रशासन ने नए टैक्स पर सुझाव आमंत्रित करने की तिथि बढ़ाई

-शहर के तमाम इलाकों में 40 से लेकर 60 प्रतिशत तक प्रस्ताव

देहरादून, दून सिटी में आप प्लॉट खरीदने का मन बना रहे हैं तो आने वाले दिनों में यह सौदा आपको महंगा पड़ सकता है। इसके लिए आपको 60 परसेंट तक टैक्स देना पड़ सकता है। नगर निगम ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया है। राज्य गठन के बाद यह पहला मौका होगा, जब निगम प्रशासन ने इतने बड़े स्तर पर टैक्स वसूलने का मन बनाया है। जबकि कच्चा-पक्का मकान, आरसीसी व आरबी छत पर भी 40 प्रतिशत हाउस टैक्स की तैयारी है। इसके लिए निगम ने सर्कुलर भी जारी कर दिया और इस पर सुझाव मांगे हैं। निगम के इस प्रस्ताव को कई संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है।

सीएम से अपील

प्रस्तावित टैक्स का दायरा 40 से लेकर 60 प्रतिशत तक निर्धारित किया गया है। हालांकि यह अभी प्रस्ताव ही बनाया गया है, लेकिन कई स्तरों पर विरोध होने लगा है। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी मनीष वर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर फिलहाल टैक्स में बढ़ोत्तरी न करने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि आपदा और अतिक्रमण अभियान से पड़ी मार के बाद बढ़ा हुआ टैक्स लोग दे नहीं पायेंगे।

सुझाव के लिए समय बढ़ा

हाउस टैक्स की संशोधित दरों के लिए सुझाव की समय सीमा 15 दिन निर्धारित की गई थीं। 18 जुलाई को जारी सूचना के मुताबिक आखिरी तारीख 2 अगस्त को पूरी होनी थी, लेकिन एक बार फिर से सुझाव आमंत्रित करने की सीमा आठ दिन और बढ़ाते हुए 10 अगस्त आखिरी तारीख तय की है। निगम प्रशासन के मुताबिक अब यह आखिरी तिथि होगी।

यहां सबसे ज्यादा टैक्स

-राजपुर

-सहस्त्रधारा।

-जाखन।

-कृष्ण नगर।

-टर्नर रोड।

-इंद्रा नगर।

-बसंत बिहार।

-मोहित नगर।

-बल्लूपुर।

-घंटाघर।

-एमकेपी।

-कालिका मंदिर मार्ग।

-डालनवाला-उत्तर

-डालनवाला-दक्षिण।

-डिफेंस कॉलोनी।

-रेसकोर्स-दक्षिण।

25 करोड़ रुपए का टारगेट

दून शहर में हाउस टैक्स का इस बार 25 करोड़ रुपये लक्ष्य रखा गया है। जबकि बीते वित्तीय वर्ष में निगम ने 20 करोड़ रुपए टैक्स वसूला था। निगम को उम्मीद है कि इस बार निर्धारित लक्ष्य के वह करीब पहुंच जाएगा।

90 हजार करदाता

इस बार टैक्स के दायरे में 30 हजार करदाताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी बताई गई है। जबकि अब तक निगम क्षेत्र में 60 हजार हाउस टैक्स पेयर शामिल थे। 30 हजार की जो बढ़ोत्तरी हुई है, उसमें बस्तियां शामिल बताई गई हैं। इसमें से 20 हजार नॉन कामर्शियल शामिल हैं।

मलिन बस्तियों पर सस्पेंस खत्म

दून में निगम क्षेत्र के तहत 129 मलिन बस्तियां शामिल हैं। जिनमें 40 हजार हाउस होल्डर शामिल हैं, लेकिन कुछ दिनों पहले मलिन बस्तियों को शहर से बाहर करने की प्रयास किए जा रहे थे। निगम ने इन बस्तियों पर टैक्स न वसूलने की बात कही थी। विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने अब नया अध्यादेश लाकर तीन साल की रियायत देने का भरोसा दिया है। ऐसे में निगम प्रशासन ने फिर से मलिन बस्तियों पर टैक्स वसूलने की तैयारी भी शुरु कर दी है।

चार साल में टैक्स रिवाइज्ड

वर्ष 2014-15 में निगम टैक्स रेट तय हुए थे। अब इस वित्तीय वर्ष में हो रहे हैं। जिसको इसी वित्तीय वर्ष लागू माना जाएगा। इसके बाद अब 2022 में नए सिरे से टैक्स रेट निर्धारित होंगी। खास बात यह है कि इस बार टैक्स रेट रिवाइज्ड होने के लिए निगम ने खुद शहरवासियों ने सेल्फ एसेसमेंट करने का आग्रह किया था।

निगम को हो रहा है नुकसान

निगम के मुताबिक दून में डेढ़ लाख आवासीय घर हैं। लेकिन टैक्स देने वालों की संख्या केवल 90 हजार है। बताया गया है कि खसरा नंबर में दिक्कत होने के कारण बाकी घर टैक्स के दायरे में नहीं आ पा रहे हैं। जबकि ऐसे टैक्स पेयर खुद टैक्स देने के लिए आगे आ रहे हैं। इससे निगम का भी नुकसान बताया जा रहा है।