दो करोड़ से अधिक टर्न ओवर वालों के लिए जीएसटी काउंसिल ने बनाया नया नियम

56 पेज का टैक्स आर्डर फार्म भरना होगा व्यापारियों को, इसके लिए लेनी होगी सीए की मदद

ALLAHABAD: जीएसटी के तहत आए दिन नए नियम से व्यापारियों की समस्याएं कम होने की बजाय लगातार बढ़ रही हैं। जीएसटी काउंसिल ने अब रजिस्टर्ड फर्मो के लिए टैक्स ऑडिट का आदेश जारी किया है। जिन फर्मो का टर्न ओवर दो करोड़ से अधिक है, उन्हें इनकम टैक्स ऑडिट के साथ ही अब फर्म का भी टैक्स ऑडिट कराना होगा। इसके लिए जीएसटी काउंसिल ने 56 पेज का ऑडिट प्रोफार्मा जारी किया है। इसे देखने के बाद व्यापारी परेशान हैं। उनका दावा है कि 56 पेज के इस फार्म को व्यापारी क्या, सेल्स टैक्स के अधिकारियों द्वारा भी भर पाना नामुमकिन है।

31 दिसंबर तक का दिया समय

जीएसटी में रजिस्टर्ड जिन व्यापारियों और फर्मो का एनुअल टर्न ओवर दो करोड़ रुपये या फिर उससे अधिक है, उन व्यापारियों को अब अपने फर्म का टैक्स ऑडिट कराना होगा। फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में हुए बिजनेस का टैक्स ऑडिट कराने और आनलाइन फार्म भरने के लिए जीएसटी काउंसिल ने व्यापारियों को 31 दिसंबर 2018 तक का समय दिया है।

इनकम टैक्स के साथ ही जीएसटी ऑडिट

अभी तक करोड़ों का टर्न ओवर करने वाले व्यापारियों और फर्मो को हर महीने रिटर्न फाइलिंग के साथ ही ईयर एंडिंग पर केवल इनकम टैक्स ऑडिट कराना पड़ता था, अब उन्हें साल में दो-दो ऑडिट रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इनकम टैक्स के लिए अलग और जीएसटी के लिए अलग।

सीए और वकील की लेनी होगी मदद

जीएसटी काउंसिल ने 56 पेज का आनलाइन ऑडिट रिपोर्ट फार्म जारी किया है। इसमें व्यापार से संबंधित लेन-देन की जानकारी व रिकार्ड को कई बार पूछा गया है। ताकि किसी तरह का फ्रॉड न हो सके। 56 पेज के इस आनलाइन फॉर्म में इतने अधिक सवाल पूछे गए हैं कि व्यापारी सीए और अधिवक्ता की मदद के बगैर फॉर्म को नहीं भर सकते हैं।

फार्म 9 ए

जो फर्म जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं, उन्हें भरना है

फार्म 9 बी

जो फर्म कम्पोजिशन स्कीम में शामिल हैं, उन्हेंभरना है

फार्म 9 सी

ई-कॉमर्स के अंतर्गत बिजनेस करने वाले व्यापारियों को भरना है

फार्म 9 डी

जिन व्यापारियों और फर्मो का टर्न ओवर दो करोड़ से अधिक है उन्हें भरना है

जीएसटी काउंसिल द्वारा एक के बाद एक लगातार नए-नए नियम थोपे जाने से व्यापारी परेशान हैं। टैक्स ऑडिट का भार व्यापारियों पर थोपना पूरी तरह से गलत है। व्यापारी व्यापार करें या रिटर्न फाइलिंग और ऑडिट रिपोर्ट में ही उलझा रहे। जीएसटी काउंसिल को अपने इस फैसले को वापस लेना होगा। इसका हर स्तर पर विरोध होगा।

संतोष पनामा

संयोजक

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति

दो करोड़ से अधिक का एनुअल टर्न ओवर करने वाले इलाहाबाद में मेरे जैसे करीब चार से पांच हजार व्यापारी हैं। उनके लिए टैक्स ऑडिट का आदेश परेशानी खड़ी करेगा। अभी तक इनकम टैक्स ऑडिट कराते थे, अब जीएसटी के लिए अलग टैक्स ऑडिट कराना होगा।

केके अग्रवाल

फर्टीलाइजर व्यापारी

जीएसटी काउंसिल का यह आदेश व्यापारियों के हित में नहीं है। सरकार व्यापारियों को आंदोलन के लिए बाध्य कर रही है। अगर स्थिति नहीं सुधरी तो व्यापारी सड़क पर उतरेंगे।

सतीश चंद्र केसरवानी