-रेलवे स्टेशन से पकड़ कर चोरी के 164 नग माल

-करीब एक करोड़ का माल होने की संभावना

-रेलवे के अफसरों ने माल पकड़ने के दौरान डाला खलल

Bareilly:

वाणिज्य कर विभाग की मंथली टारगेट अचीव करने की कार्रवाई ने कई व्यापारियों की दिवाली काली कर दी। छापामार कार्रवाई में वाणिज्य कर की मोबाइल टीम ने 164 नग माल को सीज कर दिया, जिसका कोई प्रपत्र नहीं मिला। इस दौरान कर चोर व्यापारियों और उनके दलालों के साथ सांठ-गांठ करने वाले रेलवे के अधिकारियों ने कार्रवाई में खलल डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि, वाणिज्य अधिकारियों की सख्ती के आगे रेलवे की करतूत बेदम साबित हुई।

एसएलआर कोच लेकर भागे

वाणिज्य कर की छापामार कार्रवाई रेलवे स्टेशन पर हुई तो दलालों में हड़कंप मच गया। दिल्ली से बरेली आने वाली पैसेंजर ट्रेन से बड़ी संख्या में व्यापारियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्राई फ्रूट्स और गारमेंट के कीमती सामान मंगाए थे। वह अपना माल बचाने के लिए रेलवे स्थित स्टेशन के अधिकारियों के पास पहुंचे। तो स्टेशन मास्टर ने इंजन को एसएलआर कोच लेकर यार्ड तक चले जाने का ग्रीन सिग्नल दे दिया।

डीआरएम से करनी पड़ी शिकायत

एसएलआर कोच यार्ड में जाने पर वाणिज्य कर अधिकारियों ने डीआरएम मुरादाबाद से फोन पर सम्पर्क किया और स्टेशन मास्टर की करतूत से अवगत कराया। डीआरएम की फटकार के बाद स्टेशन मास्टर ने यार्ड में जा चुकी ट्रेन को दोबारा प्लेट फॉर्म नंबर चार पर प्लेस कराया, जिसके बाद कोच में रखे मालों को वाणिज्य कर अधिकारियों ने चेक किया। पता चला कि जितने भी नग माल थे, उसमें से एक का भी प्रपत्र व्यापारी या फिर उनके दलाल नहीं दिखा सके। लिहाजा, इस माल को सीज कर दिया गया।

पार्सल पर गलत स्टेशन का लिखा नाम

रेलवे के अधिकारियों की एक करतूत और सामने आयी, जब टर्मिनेट माल के 50 पार्सल पर कर्मचारियों ने बरेली से आगे के स्टेशनों का नाम लिख दिया। नियमत: ट्रेन में लदा कोई माल डेस्टिनेशन से आगे तक जाना होता है, तो उस पर डेस्टिनेशन का जिक्र होता है, जिसकी चेकिंग वाणिज्य कर विभाग कर सकता है। रेलवे स्टाफ ने काफी आगे के स्टेशन का जिक्र कर गुमराह करने की कोशिश की। वाणिज्य कर अधिकारियों ने जब इन पार्सल के कागजात मांगे तो वह दिखा नहीं सके। लिहाजा, इस माल को भी टीम ने सीज कर लिया।

बरामद माल की कीमत अभी 50 लाख मानी जा रही है। इसे खोले जाने के बाद यदि इसमें कीमती सामान मिले तो यह आंकड़ा करोड़ तक भी पहुंच सकता है। वाणिज्य कर विभाग की कार्रवाई में रेलवे स्टेशन के अधिकारियों खलल डालने की कोशिश की। टीम ने कर चोरी के सभी माल को सीज कर दिया।

एसपी सिंह, एडिशनल कमिश्नर वाणिज्य कर अधिकारी