नगर निगम ने 2014-15 में लागू टैक्स की दरों पर वसूली के दिए आदेश

टैक्स वसूली गिरने की आशंका, 25 हजार करदाता से भी वसूली में संदेह

BAREILLY: टैक्स रेट पर हाईकोर्ट के फैसले पर विधिक राय लेने के बाद नगर निगम ने वर्ष 2014-15 की दरों को ही लागू करने का फैसला किया है। इस फैसले के साथ ही टैक्स वसूली के तौर पर होने वाली निगम की आमदनी को भी तगड़ी चोट लगना तय माना जा रहा है। 2014-15 में लागू टैक्स की दरों के हिसाब से ज्यादातर करदाताओं को 15 से 30 फीसदी अधिक टैक्स चुकाने को मजबूर होना पड़ेगा। ऐसे में, वर्ष 2014-15 की तरह ही करदाता मौजूदा समय में भी ज्यादा टैक्स अदा करने से न सिर्फ इनकार कर सकते हैं। बल्कि विरोध में एक बार फिर सड़क पर उतर सकते हैं। ऐसे हालात में निगम की टैक्स वसूली का ग्राफ एकाएक नीचे गिरने और करीब बंद होने की आशंका से खुद टैक्स विभाग भी इनकार नहीं कर रहा है।

लिखित में मिले आदेश

नगर निगम की टैक्स की दरों पर चल रही ऊहापोह की स्थिति पर सैटरडे तस्वीर साफ हो गई। सैटरडे नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव और मेयर डॉ। आईएस तोमर की ओर से टैक्स विभाग को 2014-15 की दरों पर ही टैक्स वसूली करने का आदेश लिखित में जारी कर दिया गया है। हालांकि, यह दरें 2011-12 में ही निगम ने तय कर दी थी। जिन्हें 2 वर्ष बाद 2014-15 में लागू किया जा सका था। इस आदेश के बाद शहर में करदाताओं से 2014-15 की दरों पर ही टैक्स वसूली की जाएगी।

फैसले के पीछे की वजह

निगम ने साल 2014-15 की दरों पर ही टैक्स वसूली करने के अपने आदेश के पीछे विधिक राय को असली वजह बताया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडवोकेट शिवनाथ सिंह व सत्यम सिंह ने निगम को पूरे मामले में अपनी विधिक राय दी है। जिसके मुताबिक हाईकोर्ट ने अपने आदेश में 10 अप्रैल 2015 व 30 मई 2015 को जारी टैक्स की दरों को खारिज कर दिया है। ऐसे में निगम प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए 2016-17 के ठीक पहले की टैक्स की दरों को ही लागू करने का फैसला लिया है।

पिछला आंकड़ा भी बना चुनौती

वर्ष 2014-15 की दरों पर करदाताओं से टैक्स लिए जाने के आदेश के बाद निगम के टैक्स वसूली अभियान के ही ठप पड़ने की आशंका हो रही है। खुद मेयर व नगर आयुक्त ने इस बारे में चिंता जाहिर कर दी है। नगर निगम सीमा में 1.45 लाख रजिस्टर्ड करदाता हैं। पिछले वर्ष रिवाइज्ड दरों, टैक्स में छूट और तमाम अवेयरनेस प्रोग्राम के बावजूद महज 25 हजार करदाताओं ने ही टैक्स चुकाया था। इस वर्ष भी दिसम्बर तक करीब 18600 करदाताओं ने ही टैक्स जमा किया था। मौजूदा दरों के मुकाबले 2014-15 में के टैक्स रेट ज्यादा होने पर इस बार पिछले वर्ष के बराबर करदाताओं से टैक्स वसूले जाने के भी आसार कम हो गए हैं।