1 जून से लागू होगा नया नियम
यह नया नियम 1 जून से लागू हो जाएगा. जिसके मुताबिक, यदि किसी एंप्लॉय की रिटायरमेंट सेविंग एक साल में 30 हजार से ज्यादा है, और वह 5 साल पूरे होने से पहले अपना प्रोविडेंट निकाल लेता है, तो उसको टैक्स भरना पड़ेगा. इसमें 10.3 परसेंट टैक्स या अधिकतम 30.6 मार्जिनल रेट का भुगतान करना होगा. आपको बताते चलें कि अभी अगर कोई व्यक्ित 2.5 लाख रुपये या उससे अधिक कमाता है, तो उसे इनकम टैक्स देना पड़ता है. इसके अलावा नए सेक्शन 192ए के अनुसार, जिन एंप्लॉय के पास करदाताओं की पहचान के लिए पैन कार्ड नहीं है, उनके प्रोविडेंट फंड से टैक्स मैक्िसमम रेट से काटा जाएगा.

2120 रुपये कमाने वाला व्यक्ित भरेगा टैक्स
फिलहाल सरकार का यह फैसला छोटे कर्मचारियों को बड़ा झटका देने के लिए तैयार है. रिटायरमेंट सेविंग्स को इनकम टैक्स के दायरे में लाने से कर्मचारियों पर बोझ बढ़ने वाला है. खबरों की मानें तो, इस नए नियम के मुताबिक, महीने में 2120 रुपये कमाने वाले व्यक्ित को भी टैक्स देना पड़ेगा. वहीं पैन कार्ड की अनिवार्यता को लेकर पीएफ ऑफिस के अधिकारी चिंतित हैं. उनका कहना है कि Employees Provident Fund Organisation के 8.5 करोड़ सदस्यों में 90 परसेंट के पास पैन कार्ड नहीं है और नए फैसले के कारण उन्हें अपने बचत पर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा. बताते चलें कि EPFO बोर्ड की बैठक में श्रम और रोजगार मंत्री बंदारू दत्तात्रेय ने यह मुद्दा वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के सामने उठाया था.

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