- नोट--- यह खबर पढ़ी नहीं गयी है

-पेशेंट्स की जानकारी न देने पर लगेगा जुर्माना व दर्ज होगा मुकदमा

-कमाई के चक्कर में प्राइवेट हॉस्पिटल व प्रैक्टिशनर्स छुपाते है पेशेंट्स

टीबी विभाग को पेशेंट्स का रिकार्ड को न देने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक व प्रैक्टिशनर्स पर अब भारी पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है.अब अगर कोई भी ऐसा करता है तो उस पर जुर्माना लगाने के साथ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सर्कुलर जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया हैं कि यदि कोई चिकित्सक या हॉस्पिटल टीबी पेशेंट्स की जानकारी शेयर नहीं करता है तो उस पर सीधे मुकदमा दर्ज कर 6 से 2 साल तक की सजा होगी। यह नियम मेडिकल स्टोर्स पर भी लागू होगा।

कमाई के चक्कर में नहीं देते डेटा

चिकित्सकों की माने तो शहर के ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पिटल मोटी कमाई के चक्कर में टीबी के मरीजों का डेटा शेयर नहीं करते है। वे सोचते है कि अगर वे मरीजों का डेटा शेयर करेंगे तो उनकी कमाई खत्म हो जाएगी। क्योंकि सरकार ने टीबी रोगियों के लिए सब कुछ फ्री कर रखा है। वहीं अधिकारियों का कहना हैं कि मरीजों की डेटा के लिए हॉस्पिटल्स को कई बार चिट्ठी भेजनी पड़ती है। तब जाकर कुछ लोग मरीजों का रिपोर्ट भेजते है.यही नहीं शहर के मेडिसिन स्टोर्स भी टीबी के मरीजों को बगैर पर्ची के दवा दे रहे है। जबकि उन्हें बगैर पर्ची के दवा न देने की सख्त हिदायत भी दी गई है।

2012 में आया था सर्कुलर

टीबी जैसी गंभीर बीमारी जड़ से खत्म करने को लेकर 2012 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को सर्कुलर जारी कर प्राइवेट हॉस्पिटलों को पूरे माह जांच गए टीबी के मरीजों की रिपोर्ट सीएमओं व जिला टीबी विभाग में भेजने को कहा गया था। इसके साथ ही जिला स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देकर प्राईवेट डॉक्टरों को टीबी की बीमारी रोकने के लिए प्रशिक्षण भी दिलाया गया था। बावजूद प्राइवेट हास्पिटल की मनमानी जारी है।

कैसे होगी सजा

यदि कोई हॉस्पिटल पेशेंट का डेटा देने में देरी करता है तो उस पर 6 माह की सजा और यदि कोई जानबूझकर ऐसा करता है तो उस पर संबंधित धारा के तहत 2 साल की सजा होगी।

वर्जन-

अभी तक कोई कड़ा प्रावधान न होने से प्राइवेट हॉस्पिटल व प्रैक्टिशनर्स टीबी मरीजों का डेटा शेयर नहीं कर रहे थे। इस माह से ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाने के साथ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

डॉ। केके ओझा, डीटीओ

एक नजर

600 के करीब छोटे-बड़े हॉस्पिटल व नर्सिग होम है शहर में

33 ये ज्यादा बड़े-छोटे सरकारी हॉस्पिटल

टीबी के मरीज

साल टीबी एमडीआर एक्सडीआर

2015 3884 186 12

2016 4043 135 19

2017 2917 140 14

जनवरी 2018 से अभी तक 967 से अधिक टीबी के मरीज।

प्राइवेट हॉस्पिटल से आए रिपोर्ट

1500 पेशेंट साल 2016

2200 पेशेंट साल 2017

अनुमान के मुताबिक इस संख्या के डबल है मरीज यहां