- पोषण पुनर्वास केंद्रो पर भर्ती कुपोषित बच्चों में से 40 परसेंट टीबी पेशेंट

- डॉक्टर्स के मुताबिक कुपोषित बच्चों को चेक करने पर हजारों में टीबी की संभावना

<- पोषण पुनर्वास केंद्रो पर भर्ती कुपोषित बच्चों में से ब्0 परसेंट टीबी पेशेंट

- डॉक्टर्स के मुताबिक कुपोषित बच्चों को चेक करने पर हजारों में टीबी की संभावना

BAREILLY:

BAREILLY:

बरेली पर अभी कुपोषण का साया छाया ही था कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी भी अब डराने लगी है। क्ख्0 कुपोषित बच्चों में ब्भ् बच्चे टीबी से पीडि़त मिले हैं। इनमें चार बच्चों की हालत बेहद गंभीर है, जिन्हें इलाज के लिए हॉयर सेंटर को रेफर किया गया है। डॉक्टर्स जांच कराने पर अन्य कुपोषित बच्चों में भी टीबी के लक्षण मिलने की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं।

ब्भ् में मिली टीबी

पोषण पुनर्वास केंद्र पर अति अल्प वजन कुपोषित बच्चों का इलाज किया जाता है। यहां के डॉक्टर्स ने टीबी से पीडि़त होने की पुष्टि की है। उनके मुताबिक पिछले वर्ष अल्पवजन कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र खोले गए थे। पिछले साल अक्टूबर से लेकर मई ख्0क्भ् तक करीब क्ख्0 बच्चे भर्ती किए गए हैं, जिसमें से करीब ब्भ् बच्चों में टीबी पेशेंट मिले हैं। वहीं, जिनमें ओपन कॉक्स यानि टीबी संक्रामक अवस्था में पहुंच चुकी थी। इस तरह के करीब ब् टीबी पेशेंट को हायर सेंटर पर रेफर किया गया है। जिन्हें लखनऊ, दिल्ली, रुहेलखंड व अन्य केंद्रों पर बेहतर इलाज के लिए भेजा गया है।

बढ़ता जा रहा खतरा

डिस्ट्रिक्ट में बढ़ते कुपोषण लेवल के साथ ही टीबी का साया भी मंडराने लगा है। कुपोषण से पीडि़त मासूमों को टीबी अपनी चपेट में ले रही है, जिसकी वजह से कुपोषित बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स भी परेशान हो रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट में कुपोषण को मिटाने के लिए बाल संरक्षण आयोग की बनायी गई तमाम योजनाओं का कोई असर नहीं हो रहा है। बल्कि, पीडि़त बच्चें अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार होने लगे हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र पर भर्ती हुए करीब क्ख्0 बच्चों में से करीब ब्भ् बच्चों में टीबी की पुष्टि हुई है। डॉक्टर्स के मुताबिक यह आंकडा केवल पोषण पुनर्वास केंद्र पर भर्ती हुए बच्चों का है।

हजारों बच्चों में टीबी की संभावना

जिला कार्यक्रम विभाग के आंकड़ों और बाल संरक्षण आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक रुहेलंखड में सर्वाधिक कुपोषित बच्चे हैं। जनवरी तक कुपोषित बच्चों का आंकडा म्भ् हजार था। जबकि नए त्रैमासिक सर्वे में कुपोषित बच्चों की संख्या घटने के बजाय क्म् हजार बढ़ गई। इसमें से म् हजार अति अल्प वजन के पाए गए। डॉक्टर्स की रिपोर्ट के अनुसार भर्ती बच्चों की संख्या के करीब ब्0 परसेंट में टीबी होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में रुहेलखंड के करीब हजारों बच्चों में टीबी जैसी गंभीर बीमारी होने की संभावना है।

टीबी के चपेट में क्यों है मासूम

ट्रीटमेंट कर रहे डॉक्टर्स के अनुसार पोषक तत्वों की कमी की वजह से बच्चे कुपोषित होते हैं। ऐसे में बॉडी में विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व अन्य तत्वों की मात्रा कम होती है, जिससे उनकी इम्यूनिटी पॉवर कमजोर हो जाती है। बच्चों में कमजोर हुई इम्यूनिटी पॉवर की वजह से टीबी व अन्य संक्रामक बीमारियां तेजी से उनको अपने चपेट में ले लेती है। पोषण पुनर्वास केंद्रों पर भर्ती बच्चों में टीबी के अलावा डायरिया, टायफाइड, मैनीजाइटिस, पॉम्स व अन्य बीमारियों ने घेर रखा है। डॉक्टर्स के मुताबिक टीबी की बीमारी की चपेट में बच्चों के अलावा पोषण तत्वों की कमी की वजह से डायबिटीज एवं एचआईवी से पीडि़त भी आसानी से आ जाते हैं।

इलाज है नाकाफी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बनाया गया पोषण पुनर्वास केंद्र की डॉ। रोजी जैदी ने बताया कि यूं तो काफी सेंटर सभी सुविधाओं से लैस है। बच्चों को मानक के अनुरूप ही भोजन एवं इजाल मुहैया कराया जाता है, लेकिन इसमें टीबी जैसी गंभीर एवं संक्रामक बीमारी से लड़ने की क्षमता नहीं है। इसके अलावा सेंटर पर टीबी ओपन कॉक्स के मरीजों को भी अलग से रखने के लिए कोई सेपरेट वॉर्ड नहीं है। ऐसे में टीबी रोग से पीडि़त बच्चों को अन्य हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया जाता है, जहां उनकी देखभाल एवं ट्रीटमेंट हो सके।

पोषण पुनर्वास केंद्र पर भर्ती हुए कुपोषित बच्चों में से ब्0 परसेंट बच्चों में टीबी की बीमारी से ग्रसित हैं। ओपन कॉक्स के लक्षण वाले बच्चों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।

डॉ। करमेंद्र, पोषण पुनर्वास केंद्र, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

इम्यूनिटी पॉवर कम होने की वजह से कुपोषित बच्चों को टीबी जैसी ही अन्य संक्रामक बीमारियां तेजी से अपनी चपेट लेती हैं, लेकिन प्रॉपर ट्रीटमेंट होने से इलाज संभव है।

डॉ रवि खन्ना, चाइल्ड स्पेशलिस्ट