व‌र्ल्ड टीबी डे स्पेशल

जिले में 5500 से 6000 के बीच टीबी मरीजों की पहचान

एमडीआर टीबी के भी 180 मरीज, इलाज में लापरवाही से बढ़े केसेज

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ओपीडी में रोजाना 12-20 नए टीबी मरीज पहुंच रहे

BAREILLY:

दुनिया में हर फ् मिनट में खतरनाक टुबरकोलोसिस यानि टीबी की बीमारी से एक मरीज की मौत हो रही है। दुनिया भर में इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ मेडिकल साइंस को मिली कामयाबी के बावजूद बरेली में इसका खौफ फिलहाल जारी है। डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर के मुताबिक बरेली जिले में करीब भ्भ्00 से म्000 के बीच नॉर्मल टीबी के मरीज हैं। जिनकी पहचान की जा चुकी है। वहीं मल्टीपल ड्रग रजिस्टेंस, एमडीआर टीबी से भी बरेली में क्80 मरीज जूझ रहे हैं।

रोजाना क्ख् से ख्0 नए मरीज

बरेली में टीबी की बीमारी का शिकंजा समय पर मुहैया असरदार इलाज व दवाओं के बावजूद ढीला नहीं पड़ा है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में रोजाना ही क्ख् से ख्0 टीबी के नए मरीज सामने आ रहे हैं। ओपीडी के चेस्ट स्पेशलिस्ट की ओर से इन नए टीबी मरीजों की शिनाख्त होते ही हाई रिस्क पर उन्हें जरूरी इलाज के लिए टीबी सेंटर भेजा जा रहा है। पिछले लंबे अर्से से टीबी मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए ही हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रश्ेान की ओर से ओपीडी में पल्मोनरी मशीन लगवाई गई है। जिससे टीबी के नए मरीजों की जल्द पहचान की जा सके।

लापरवाही ने बढ़ाई एमडीआर टीबी

सरकार की ओर से टीबी के इलाज की समय सीमा को घटाते हुए इसे म् महीने कर दिया है। जिसमें हेल्थ वर्कर्स की ओर से टीबी मरीज को डॉट्स दवा दी जाती है। इसके बावजूद रेगुलर इलाज व दवा लेने में कई मरीज लापरवाही बरतते हैं। जिससे मल्टी ड्रग रजिस्टेंस, एमडीआर टीबी के केसेज बढ़ गए। जिसका इलाज न सिर्फ महंगा है, बल्कि इससे जान को खतरा भी ज्यादा है। इसी के चलते बरेली समेत आस पास के जिलों में भी एमडीआर टीबी के मरीजों की तादाद बढ़ गई। हालांकि एमडीआर टीबी से निपटने को असरदार दवाएं मुहैया होने से इस बीमारी से होने वाली मौतों पर रोक लग सकी है।

जल्द बनेगा एमडीआर टीबी वार्ड

मेडिकल एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक नॉर्मल टीबी के इलाज में जहां भ्-क्0 हजार रुपए का खर्च आता है। वहीं एमडीआर टीबी के इलाज में बिना हॉस्पिटल में एडमिट हुए ही भ्0 हजार से क् लाख रुपए तक का खर्च आता है। वहीं एक बड़ी दिक्कत बरेली में एमडीआर टीबी का इलाज मुहैया न होना है। इलाज के लिए एमडीआर टीबी मरीजों को लखनऊ जाने की मजबूरी उठानी पड़ती है। लेकिन अगले दो महीनों में ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एमडीआर टीबी वार्ड बनकर तैयार होने की उम्मीद है। ख्0 बेड वाले इस वार्ड को कुल क्भ् लाख की लागत से तैयार किया जा रहा है। इसके बनकर तैयार होने से बरेली मंडल के सभी एमडीआर टीबी मरीजों का इलाज बरेली में ही मुमकिन हो सकेगा।

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बरेली में करीब म्000 नॉर्मल टीबी व क्80 एमडीआर टीबी के मरीज है। ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों की लगातार पहचान की जा रही है। एमडीआर टीबी की दवा मुहैया होने से आसानी हुई है। ख् महीने में एमडीआर टीबी वार्ड के बनकर तैयार होने की उम्मीद है। - डॉ। केके मिश्रा, डीटीओ