-सीबीईसी ने तीन बीमारियों में दी जाने वाली दवाओ और जांच किटों की शुल्क छूट अवधि को बढ़ाया

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KANPUR: टीबी, मलेरिया और एड्स जैसी बीमारियों में दी जाने वाली दो दर्जन दवाओं और जांचों में यूज किए जाने वाले कई प्रकार के उपकरण व किट 30 सितंबर के बाद महंगे नहीं होंगे। दरअसल केंद्रीय सीमा शुल्क एवं उत्पाद कर बोर्ड ने इन दवाओं व उपकरणों की बिक्री पर लगने वाले टैक्स पर छूट की अवधि को अगले एक साल के लिए बढ़ा िदया है।

1 अक्टूबर से महंगी हो जाती दवाएं

दवा व्यापारियों के मुताबिक सीबीईसी की ओर से इन बीमारियों से जुड़ी दवाओं व जांच उपकरण और किटों पर टैक्स में छूट दी जा रही थी, क्योंकि इन दवाओं व उपकरणों का इस्तेमाल विश्व बैंक व डब्लूएचओ की ओर से संचालित व फंड की जाने वाली स्वास्थ्य योजनाओं में हो रहा था। टैक्स में छूट की अवधि साल 2013 से 30 सितंबर 2015 तक थी। दवाएं महंगी न हो जाएं इसको लेकर दवा विक्रेताओं ने इन दवाओं का भंडारण भी शुरू कर दिया था, लेकिन सीबीईसी ने इस अवधि को 31 मार्च 2016 तक के लिए बढ़ा िदया है।

इन दवाओं को होना था महंगा

आइयोनिएजिड, इथेमबुटोल, कैनेमाइसिन,केप्रियोमाइसिन, लीबोफ्लॉक्स, मॉक्सिफ्लॉक्सेसिन, साइक्लोसिरिन, इथिओनेमाइड, इथेम्बुलॉल, प्यराजिनेमाइड, पिरीडॉक्सिन, क्लोफेजिमाइन, लिनेजोलिड, एमॉक्सिक्लेव, सोडियमम(पीएएसस), क्लेरिथ्रोमाइसिन, थ्रिासिटाजोन, रिफेम्पिसिन, रिफेब्यूटिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन (इंजेक्शनन)।

जांच किटे व उपकरण

बायोसेफ्टी कैबिनेट क्लास-2, बैक्टीरियोलॉजी इनक्यूबेटर, रेफ्रिजरेटर सेंट्रीफ्यूज, ऑटोक्लेब्स, एलपीए इक्विपमेंट्स, एलसी इक्विमेंट्स, एलपीए किट्स, कल्चर रिजेंट्स, कैपिल्ला किट्स, फ्यूरलेरेंस माइक्रोस्कोप, डीएनए सीक्वेसिंग किट्स, इंसपिरेटर्स, कार्टेजेस, एनुअल कैलिब्रेशन।