- जिला अस्पताल के टीबी वार्ड में 12 मरीज हैं भर्ती

- वार्ड में भर्ती मरीजों को नहीं दिया गया मास्क, तीमारदार भी बेरोकटोक घूमते

बरेली : एक ओर शासन 2024 तक टीबी मुक्त भारत का सपना संजोए हुए है. वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार ही इसमें पलीता लगा रहे हैं. जिला अस्पताल के टीबी वार्ड में एडमिट मरीजों के तीमारदारों को बाहर से दवा मंगाई जा रही हैं, जिससे वह परेशान हैं. मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर दवा का पर्चा थमा देते हैं और कहते हैं यह दवाएं बाहर से ले आओ, यहां पर नहीं है. इसके बाद मजबूरी में तीमारदारों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है.

मल्टीविटामिन टेबलेट और सीरप नहीं

टीबी में भर्ती मरीजों के कमजोर हो जाने पर मल्टीविटामिन टेबलेट दिया जाता है, जो कि बाहर मेडिकल स्टोर में 100 रुपए का मिलता है. तीमारदारों के मुताबिक वह उन्हें अस्पताल के मेडिकल स्टोर में नहीं मिलता है. जिससे उन्हें बाहर से खरीदनी पड़ती है. साथ ही सीरप जो 170 का मिलता है, वह भी बाहर से खरीदने को बोला जाता है.

वायरस फैलने का खतरा

टीबी का वायरस बहुत तेजी से फैलता है. इसके बावजूद जिला अस्पताल के टीबी वार्ड में भर्ती मरीजों और तीमारदारों को मास्क नहीं दिया गया है. यहां तक कि बच्चे भी बिना मास्क के टीबी वार्ड में घूमते रहते हैं. यहां पर तीमारदार मरीजों के साथ बिना मास्क के घंटों बैठा रहता है. इससे तीमारदारों को भी टीबी होने का खतरा बना हुआ है.

सवाल पूछते पर करते अभद्रता

मरीजों के मुताबिक जब वह अस्पताल के डॉक्टर्स या किसी कर्मचारी से फ्री में दवा मिलने की बात कहते हैं तो उनसे अभद्रता की जाती है. वहीं तीमारदार मास्क भी मांगते हैं, पर दिया नहीं जाता है. कर्मचारी डांटकर भगा देते हैं.

यह बोले डॉक्टर

तीमारदारों के जो आरोप हैं, वह निराधार हैं. जो मरीज अधिक कमजोर हो जाते हैं, उन्हें मल्टी विटामिन दी जाती है. बाहर से कोई दवा नहीं लिखी जा रही है.

डॉ. बीके धस्माना.

बाहर से दवाई लिखना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. हालांकि तीमारदार ने इस बाबत कोई शिकायत नही की है. मामला गंभीर है. डाट्स सेंटर से मरीजों को फ्री दवा मिलती है. डॉक्टर से इस बाबत स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.

डॉ. केएस गुप्ता, एडीएसआईसी.

तीमारदारों से बात :

1. डॉक्टर और कर्मचारियों का व्यवहार मरीजों के लिए बहुत ही खराब रहता है. बाहर की दवा लेने से मना करो तो अभद्रता से बात करते हैं.

मीरजहां, फरीदपुर.

2. मेरी बेटी यहां पांच दिनों से टीबी वार्ड में भर्ती है. पहले ही दिन डॉक्टर ने पर्ची पर लिखकर दवाई बाहर से लेने के लिए कहा, जब मना किया तो दवाई का पर्चा फाड़ दिया.

शमीम, गुलाबनगर.