-केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जारी किए नए दिशा-निर्देश

अस्पतालों को देनी होगी हर माह जानकारी

DEHRADUN: अब तक जितने भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स, क्लीनिक, नर्सिग होम्स आदि टीबी (ट्यूबर क्लोसिसस) के मरीजों का ट्रीटमेंट करते थे, अब उन्हें हर महीने पूरी जानकारी स्टेट ट्यूबरक्लोसिस ऑफिसर को देनी होगी। ऐसा न करने वाले अस्पतालों का भी चिन्हीकरण कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। हफ्तेभर पहले ही डब्ल्यूएचओ के जरिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। साफ कहा गया है कि सभी निजी अस्पताल उनके यहां ट्रीटमेंट ले रहे मरीजाें की जानकारी उपलब्ध कराएंगे

हर रोज खानी होगी मेडिसीन

केंद्र सरकार ने देश को टीबी मुक्त कराने के लिए 2025 का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी कड़ी में अब राज्य सरकारों को भी नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। नए नोटिफिकेशन में अब साफ कहा गया है कि सरकारी के अलावा प्रावइेट अस्पतालों, नर्सिग होम्स, क्लीनिक को भी यह सुनिश्चित कराना होगा कि उनके यहां कितने टीबी के मरीज ट्रीटमेंट ले रहे हैं और कितने दिनों से उनका इलाज चल रहा है। स्टेट ट्यूबरक्लोसिस ऑफिसर (एसटीओ) डॉ। बागीश काला के मुताबिक आरएनटीसीपी (रिवाइज्ड नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्रामम) के तहत मरीजों के लिए बलगम की जांच होनी अनिवार्य है। बताया गया है कि कई ऐसे मरीज होते हैं जो सरकारी के बजाय प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज कराते हैं, लेकिन कुछ दिन ठीक होने के बाद वे दवाइयां खाना छोड़ देते हैं। ऐसे में फिर से दोबारा ऐसे मरीजों पर टीबी की शिकायत हो जाती है और खर्च की लागत ज्यादा आने के बाद आखिर में वे सरकारी अस्पतालों तक पहुंचते हैं। ऐसे में डेथ रेट भी इजाफा हो जाता था।

भारत सरकार के नए दिशा निर्देशों के मुताबिक अब हर टीबी के मरीज की डिटेल्स प्राइवेट हॉस्पिटल्स, क्लीनिक, नर्सिग होम्स व लैब को देनी होगी। जिससे मरीज को पूरा स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा। वहीं मरीज अब हर रोज दवाई का सेवन भी करने के आदेश हैं। जिससे 2025 तक देश को टीबी फ्री किया जा सके।

डॉ। बागीश काला, एसटीओ।

नई गाइडलाइन के बारे में दी जानकारी

DEHRADUN: टीबी रोग के सूबे से खात्मे के लिए डीजी हेल्थ महानिदेशालय में जिला क्षय रोग अधिकारियों, सुपरवाइजर्स व डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर्स का तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन मिशन निदेशक व एमडी एनएचएम चन्द्रेश कुमार ने प्रदेश के क्फ् जनपदों से प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। इस दौरान ट्रेनिंग प्रोग्राम में केंद्र से आए विशेषज्ञों ने टीबी की बीमारी से जुड़ी नई टेक्नीकल ऑपरेशनल गॉइडलाइन के बारे में जानकारी दी।