- सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज में प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मेंबर ने बीए फाइनल इयर के स्टूडेंट की पिटाई

- घटना की कवरेज कर रहे आई नेक्स्ट रिपोर्टर के साथ टीचर ने किया अभद्र भाषा का इस्तेमाल

GORAKHPUR: किसी कॉलेज में क्या किसी टीचर को यह हक है कि वह स्टूडेंट को सरेआम पीटे? ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज में। थर्सडे की दोपहर बीए फाइनल इयर के एक स्टूडेंट को कॉलेज के ही एक टीचर ने उसकी जमकर धुनाई की। स्टूडेंट का गलती इतनी ही थी कि उसने अपनी शर्ट के बटन खुले रखे थे। स्टूडेंट की पिटाई का मामला प्रिंसिपल के पास पहुंचा तो वे टीचर के खिलाफ कार्रवाई के बजाय उन्हें एप्रिसिएट करने में जुट गए।

पहले लगाई फटकार, उसके बाद की पिटाई

सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज में ड्रेस कोड लागू है। इसी को मेंटेन करने के लिए थर्सडे की दोपहर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मेंबर्स विकास सरकार और सुशील राय ने बीए फाइनल इयर के स्टूडेंट उत्कर्ष को पास बुलाया। उत्कर्ष की गलती थी कि उसने अपने शर्ट की तीन बटन खोल रखी थी। इसी बात पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मेंबर्स ने उसे फटकार लगाई। फटकार के बीच बहस बढ़ गई। इसके बाद विकास सरकार ने उत्कर्ष की पिटाई शुरू कर दी। उसके बाद इसकी शिकायत प्रिंसिपल डॉ। जेके लाल को की। जब मामला प्रिंसिपल जेके लाल के पास पहुंचा तो उन्होंने टीचर की इस कार्रवाई को उचित ठहराया।

किसने दिया अधिकार

पूरे मामले सवाल उठता है कि क्या किसी टीचर को यह अधिकार है कि वह स्टूडेंट को पीटे। यूजीसी की गाइडलाइंस के अनुसार स्टूडेंट को पीटने को हक किसी को नहींहै। अगर स्टूडेंट ने अनुशासनहीनता की भी थी तो उसे अन्य समझाया जा सकता है। उसके पैरेंट्स से कंप्लेंट की जा सकती थी।

और भिड़ गए कवरेज के बाद

आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब इस घटना की कवरेज की तो प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मेंबर सुशील राय रिपोर्टर से अभद्र भाषा का यूज किया। साथ ही उसे देख लेने की धमकी भी दी। इस मामले पर कॉलेज के प्रिंसिपल ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मेंबर्स से पूछताछ की बात कही है।

वर्जन

स्टूडेंट को कई बार मना किया गया था कि वह अपनी शर्ट की बटन बंद रखे, लेकिन उसने बात नहींमानी। बात मानने के बजाय वह उल्टे प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मेंबर्स से उलझ गया था। जिसके लिए उसकी पिटाई की गई थी।

डॉ। जेके लाल,

प्रिंसिपल, सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज

स्टूडेंट की पिटाई करना गंभीर मामला है। किसी भी टीचर को स्टूडेंट को पिटाई का अधिकार नहीं है। मामले की जांच अनुशासात्मक समिति करेगी।

प्रो। अशोक कुमार,

वीसी डीडीयूजीयू, गोरखपुर