- सीबीएसई बोर्ड ने क्वैश्चंस पेपर को स्टूडेंट्स फ्रेंडली बनाने का लिया डिसीजन

- नेक्स्ट सेशन से होंगे चेंजेज, प्रैक्टिकल एग्जाम अब संबंधित सेंटर पर

VARANASI

दसवीं व बारहवीं बोर्ड एग्जाम में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स निर्धारित तीन घंटे में पूरा क्वैश्चन सॉल्व नहीं कर पाते हैं। लंबा पेपर होने की वजह से कई क्वैश्चंस छूट जाते हैं। इसे देखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने परीक्षण करने के बाद ही पेपर बनाने का डिसीजन लिया है। इसके तहत पहले टीचर्स तीन घंटे के क्वैश्चन पेपर को सॉल्व करेंगे। जब तीन घंटे में वे इसे सॉल्व कर लेंगे तब इसे स्टूडेंट्स के लिए बनाया जाएगा। कैंटोन्मेंट एरिया स्थित होटल में वाराणसी सहोदय स्कूल कॉम्लेक्स के तत्वावधान में आयोजित प्रिसिंपल कॉन्क्लेव में ये बातें सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर डॉ। सान्याम भारद्वाज ने कही। दो दिवसीय कॉन्क्लेव के पहले दिन उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था 2020 के एग्जाम से लागू करने का प्लान है। वहीं 2020 से ही स्कूल्स में होने वाले प्रैक्टिकल एग्जाम संबंधित सेंटर्स पर कराये जाएंगे।

एक दिन में चेक करेंगे 25 कॉपी

दसवीं व बारहवीं बोर्ड एग्जाम की कॉपियों के मूल्यांकन व्यवस्था में भी इस साल से चेंजेज कर दिया गया है। कॉपियों के मूल्यांकन में किसी प्रकार की गलती न हो इसके लिए तीन लेवल पर चेकिंग होगी। इसके तहत एक परीक्षक को एक दिन में मात्र 25 कॉपियों का मूल्यांकन करने के लिए दिया जाएगा। साथ ही सभी सेंटर्स पर एक हेड एग्जामिनर, दो कोऑर्डिनेटर पर 10-10 ऑब्जर्वर तैनात किए जाएंगे।

दूर होगी गड़बड़ी

स्टूडेंट के खुद का नाम, माता-पिता का नाम, फार्म में फोटो बदलने सहित अन्य डिटेल में होने वाली गड़बड़ी को दूर करने के लिए अब हेड क्वार्टर की दौड़ नहीं लगानी होगी। रिकॉर्ड में संशोधन का अधिकार अब रीजनल ऑफिसेस को दे दिया गया है। कहा कि संशोधन का अधिकार फ्यूचर में स्कूल्स को दिया जा सकता है। बोर्ड एग्जाम में अपीयर होने के लिए 75 परसेंट अटेंडेंस होना जरूरी है। इसका कड़ाई से पालन कराने का डिसीजन लिया गया है। वहीं बीमार होने की स्थिति में प्रिंसिपल पांच परसेंट तक छूट दे सकते हैं।