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क्कन्ञ्जहृन्: पटना यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी की समस्या सबसे प्रमुख है। इस बारे में पीयू के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह के दौरान बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पटना यूनिवर्सिटी में साल भर में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होगी। बीपीएससी को तीन हजार छह सौ चौसठ असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया करनी थी जिसमें करीब ढाई हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसमें करीब 20 विषयों के शिक्षक शामिल हैं। बापू सभागार में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपमें से किसी को भी हड़ताल पर जाने की जरूरत नहीं है। शिक्षक समर्पण भाव से काम करें। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह नियुक्ति बिहार राज्य विश्वविद्यालय आयोग के माध्यम से किया जाएगा।

डीजे आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से उठाया था मामला

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट, पटना के 25 अगस्त के संस्करण में शिक्षकों की कमी का मामला प्रमुखता से उठाया गया था। इसमें बताया गया था कि कुल 850 में से मात्र 320 शिक्षक ही पीयू में कार्यरत हैं।

ट्रेनिंग कॉलेज में भरेंगे पद

डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि पटना ट्रेनिंग कॉलेज और वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज में शिक्षकों के 16 पद रिक्त हैं। यूनिवर्सिटी ने प्रपोजल भेजा था। इन पदों को भरने के लिए रिक्तियां स्वीकृत हो गई है। आने वाले 20 वर्षो में विश्वविद्यालय वे ही विभाग खोले जिसमें भविष्य की संभावना है। ताकि पीयू अपने गौरव को आगे बढ़ा सके। सुशील मोदी ने कहा कि उच्च शिक्षा में ऋण बड़ी बाधा रही है। इसलिए चार लाख रुपये तक का कर्ज दे रहा है। कहा कि उच्च शिक्षा के लिए राज्य और केन्द्र सरकार को मिलकर काम करना चाहिए।