- शिक्षक संगठनों ने की शिक्षा महकमे की नियमावली को तबादला एक्ट बनाने की मांग

- शिक्षा महकमा कर चुका है नियमावली तैयार, शिक्षक नेताओं ने बीजेपी को याद दिलाया चुनावी विजन

DEHRADUN:

प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने एक स्वर में तबादला एक्ट लागू करने की वकालत की है। शिक्षकों को अब नियमावली मंजूर नहीं है। शिक्षक नेताओं का दावा है कि सरकार हर बार नियमावली बनाकर मनमर्जी चलाती है। एक बार एक्ट बन जाने पर कोई भी मनमानी नहीं कर पाएगा।

बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट में भी एक्ट

उत्तराखंड बनने के बाद से ही प्रदेश में सबसे ज्यादा समस्या शिक्षकों के तबादले में सामने आती हैं। अब तक ख्008 और ख्0क्फ् में दो बार ट्रांसफर की नियमावली बन चुकी है। हालांकि समय-समय पर इसमें संसोधन भी होते रहे हैं। अबकी बार प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते ही शिक्षकों को उम्मीद जगी कि तबादला एक्ट बन जाएगा। दरअसल बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट में भी तबादला एक्ट बनाने का दावा किया गया था और सरकार ने अस्तत्व में आते ही तबादला एक्ट बनाने की बात भी कही। लेकिन त्रिवेंद्र सरकार के म् माह बाद भी तबादला एक्ट लागू नहीं हो पाया। हालांकि शिक्षा महकमा दावा कर रहा है कि जो नियमावली अबकी बार तैयार की गई है उसे ही तबादला एक्ट में बदला जा सकता है। लेकिन फिलहाल ट्रांसफर करने के लिए नियमावली को लागू करने के लिए कहा जा रहा है। जिसका शिक्षक संगठनों ने खुलकर विरोध किया है।

शिक्षकों को चाहिए न्याय

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने बताया कि जो नियमावली शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई है उसे एक्ट में बदल देना चाहिए। अबकी बार सिर्फ तबादला एक्ट ही मंजूर किया जाएगा। राम सिंह चौहान ने कहा कि कई मामलों में नियमावली में अब तक मनमानी चल रही है। जिसे रोकने के लिए तबादला एक्ट लागू होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक ट्रांसफर में सोर्स भी लगाई जाती है। जब एक बार एक्ट बन जाएगा तो कोई खेल नहीं हो पाएगा। जो लोग इसके हकदार हैं उन्हें न्याय मिलेगा।

कब होगा एक्ट लागू

आपको बताते चलें कि इससे पहले बीजेपी की सरकार ने खंडूडी के सीएम रहते तबादला एक्ट को मंजूर किया था, लेकिन कांग्रेस सरकार आते ही तबादला एक्ट में संसोधन कर नई नियमावली लागू की। बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाकर सरकार आने पर तबादला एक्ट बनाने का वादा किया। हालांकि सरकार आते ही विधानसभा में बीजेपी ने अपने वादे के अनुरूप तबादला एक्ट लागू करने की बात कही। लेकिन मामला प्रवर समिति को सौंप दिया। अब सरकार शिक्षक संगठनों को अपने पक्ष में करने के लिए उनके सुझावों के आधार पर तबादला नियमावली तैयार तो कर लिया लेकिन दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। शिक्षक संगठनों ने साफ कर दिया कि हर हाल में एक्ट ही चाहिए।