- जैक सभागार में राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित हुए 11 शिक्षक

रांची : शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा है कि शिक्षक स्कूलों में सिर्फ अपनी ड्यूटी पूरा न करें। वे बच्चों के सर्वागीण विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता भी दिखाएं। मंत्री बुधवार को जैक सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने तीन शिक्षकों को राज्य स्तरीय तथा आठ शिक्षकों को जिला स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया। साथ ही शत-प्रतिशत प्रथम श्रेणी में परिणाम देनेवाले तीन स्कूलों को सम्मानित किया।

भरोसा वापस लाना होगा

शिक्षकों को संबोधित करते हुए मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षकों के प्रति जो आदर और भरोसा पहले था, आज वैसा नहीं है। शिक्षक अपने कार्यो से उस आदर और भरोसे को वापस ला सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों से गुरु-शिष्य के पारंपरिक रिश्ते को भी फिर से कायम करने का आह्वान किया। कहा, शिक्षक ऐसा काम करें जिससे दूसरे राज्य झारखंड से प्रेरणा लें। उन्होंने बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ उन्हें संस्कार देने पर जोर दिया। मंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षक स्कूल जाएं तो घड़ी न देखें। कार्यक्रम के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों की समस्याएं दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन उनकी सारी समस्याओं का समाधान सरकार नहीं कर सकती।

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- स्वयं छात्र होकर निरंतर सीखते रहें शिक्षक : मुख्य सचिव

समारोह में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने शिक्षकों से स्वयं शाश्वत छात्र बनकर लगातार सीखने तथा अपडेट होने का आह्वान किया। कहा, शिक्षक अपनी ऊर्जा को लगातार ऊंचा रखें ताकि वे बच्चों को भी ऊर्जान्वित करते रहें। राज्य स्तरीय पुरस्कार के रूप में शिक्षकों को 25 हजार रुपये तथा जिला स्तरीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार रुपये के चेक दिए गए। इसके अलावा शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र व मेडल दिए गए।

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खर्च बराबर तो परफारमेंस क्यों नहीं

कार्यक्रम में शिक्षा सचिव एपी सिंह ने शिक्षकों से सवाल किया कि जब 19-20 स्कूलों के शत-प्रतिशत बच्चे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर सकते हैं तो अन्य स्कूलों के बच्चे क्यों नहीं? खर्च तो सभी में बराबर होते हैं। फिर जिन स्कूलों का अच्छा परफारमेंस रहा, उनमें शिक्षक भी कम हैं। उन्होंने कस्तूरबा स्कूलों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनमें प्रति बच्चे 20 हजार रुपये खर्च होते हैं, जबकि अन्य स्कूलों में भी 40-42 लाख बच्चे पर आठ हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं। उन्होंने अगली बार से पारा शिक्षकों व कल्याण विभाग के स्कूलों के शिक्षकों को भी पुरस्कार योजना में शामिल करने की बात कही।

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ये शिक्षक हुए पुरस्कृत

राज्य स्तरीय पुरस्कार : कौशल कुमार सिंह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोविंदपुर, धनबाद, जयदेव महतो, मारवाड़ी उवि पश्चिमी सिंहभूम तथा स्मिथ कुमार सोनी राजकीयकृत मध्य विद्यालय बानो, सिमडेगा।

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जिला स्तरीय पुरस्कार : मनोज कुमार सिंह, उत्क्रमित मवि नाचोसाई-पूर्वी सिंहभूम, सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय मनुवा-रामगढ़, जय प्रकाश रजक, राजकीयकृत मवि सिसई, विपिन बिहारी झा, उत्क्रमित मवि सिसई, चिंतामणी प्रसाद, उत्क्रमित मवि, खरना-हजारीबाग, आभा लकड़ा, डुमरदगा-खूंटी, तरुण कुमार सिंह, उत्क्रमित उवि अरुवां कुचई, सरायकेला-खरसावां, फारूख आलम, उत्क्रमित उवि बरही-हजारीबाग।

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शत-प्रतिशत प्रथम श्रेणी के लिए सम्मानित : मॉडल स्कूल, बेड़ो (मैट्रिक), कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय केरेडारी, हजारीबाग (मैट्रिक), मॉडल स्कूल, पाकुड़ (इंटरमीडिएट)।