- नकल की आशंका पर एग्जामिनर्स द्वारा इसकी शिकायत सेंटर इंचार्ज से करने का रूल है

-10 दिन के मूल्यांकन में किसी भी एग्जामिनर्स ने नहीं दर्ज कराई रिपोर्ट

- एग्जाम में ईमानदारी से लिखने वाले स्टूडेंट्स को टक्कर दे रहे हैं नकलची

केस : 1

19 अप्रैल को एक मूल्यांकन केंद्र पर हाईस्कूल के स्टूडेंट्स ने कॉपी में लिखा था कि गुरु मोमबत्ती की तरह होते हैं, वह खुद जलकर और पिघलकर भी स्टूडेंट्स को रोशनी देते हैं। अगर गुरु की कृपा हो जाएगी तो कोई भी स्टूडेंट फेल नहीं होगा। किसी भी जरूरत के लिए मैं कॉपी में अपना मोबाइल नंबर दे रहा हूं।

केस : 2

22 अप्रैल को इंटर के एक मूल्यांकन केंद्र पर हिंदी और सोशल साइंस की कॉपी में मॉस चीटिंग की शिकायतें आई थीं। एग्जामिनर्स का कहना था कि बाराबंकी और सुल्तानपुर की हिंदी, सोशल साइंस की कॉपी में सामूहिक नकल की आशंका है। उनका मानना था कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों में अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट की सब्जेक्ट्स वाइज कई स्टूडेंट्स ने एक ही आंसर लिखा है। अगर एक स्टूडेंट्स ने गलत आंसर दिया है तो पीछे के दर्जनों स्टूडेंट्स ने इसे दोहराया है। ऐसे में सेंटर्स पर सामूहिक नकल की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता। एक मूल्यांकन केंद्र पर आगरा मंडल की हाईस्कूल की दर्जनों उत्तर पुस्तिकाओं में एक ही सीरियल से क्वेश्चन के आंसर दिए गए हैं। हैंडराइटिंग भी एक जैसी है।

केस: 3.

इंटर मैथ्स, फिजिक्स, केमेस्ट्री, सिविक्स के साथ ही स्टूडेंट्स द्वारा ड्राइंग की कॉपियों में भी नोट नत्थी किए जाने की शिकायतें आती रही हैं। पांच मूल्यांकन केंद्रों पर अबतक दो दर्जन से अधिक एग्जामिनर्स को कॉपी में नोट मिल चुके हैं। 21 अप्रैल को इंटर के मूल्यांकन केंद्र पर एग्जामिनर्स को ड्राइंग की अलग-अलग कापियों में 500 के दो नोट मिले थे। इसी सेंटर पर सिविक्स, मैथ्स, इंगलिश, फिजिक्स, केमेस्ट्री आदि की कॉपियों में 20 से 100 रुपए तक प्राप्त होने के आधे दर्जन से अधिक मामले आ चुके हैं। थसर्ड को एक ही टीचर्स को केमेस्ट्री की कई कॉपी में 100 और 500 तक के नोट प्राप्त हुए।

BAREILLY:

यूपी बोर्ड में इस बार अगर कोई अयोग्य स्टूडेंट स्कूल टॉप करता है तो इसमें ज्यादे चौंकने वाली बात नहीं है। यह स्थिति कॉपी के मूल्यांकन में उन सारी चीजों की आंख मूंदकर अनदेखी की वजह से हुई है जो मूल्यांकन की ट्रांसपेरेंसी के लिए घातक है। दरअसल, कॉपी चेकिंग के दौरान मॉस चीटिंग वाले कॉपी के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि बोर्ड रूल के अनुसार कॉपी में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर इसकी शिकायत एग्जामिनर्स को सेंटर इंचार्ज के यहां करनी चाहिए।

होनहारों को दे रहे टक्कर

मॉस चीटिंग या कॉपी में नोट नत्थी करने वाले स्टूडेंट्स को आंख बंदकर नंबर दिए जा रहे हैं। एक टीचर्स ने बताया कि मॉस चीटिंग वाली कॉपी में आंसर सही और लिखावट अच्छी होने की वजह से उन्हें नंबर देना उनकी मजबूरी है। दूसरी ओर, जिन कॉपी में नोट नत्थी कर स्टूडेंट्स ने पास करने का रिकवेस्ट किया है, एग्जामिनर्स ऐसी कॉपी पर मेहरबान हैं। ऐसे में मॉस चीटिंग करने वाले स्टूडेंट्स नंबर के मामले में एग्जाम की तैयारी में मेहनत करने वाले स्टूडेंट्स के बराबर आ खड़े हुए हैं।

गवाह बनने से छुड़ा रहे गुरुजी अपनी गर्दन

मॉस चीटिंग, नोट या फिर इमोशनल ब्लैकमेलिंग वाली कॉपी के खिलाफ आवाज उठाने से टीचर्स भी बच रहे हैं। इन टीचर्स को आशंका है कि अगर उन्होंने मामलों की शिकायत ऊपर पहुंचाई तो उन्हें गवाह बनने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त बोर्ड एग्जाम के दौरान मॉस चीटिंग का फर्जीवाड़ा कराने वाले शिक्षा माफियाओं की निगाह में भी गुरुजी चढ़ सकते हैं। अधिकांश टीचर्स को सामूहिक नकल की आशंका है, लेकिन उनकी ओर से कोई रिपोर्ट नहीं कराई गई है।

उड़ाई जा रही नियमों की धज्जियां

कॉपी में सिलेबस से इतर कुछ पाए जाने या फिर कॉपी में नकल की आशंका पर एग्जामिनर्स द्वारा इसकी शिकायत सेंटर इंचार्ज के पास किए जाने का रूल है। यहां से रिपोर्ट डीआईओएस पास भेजी जाती है। डीआईओएस पूरा विवरण लिखित रूप में डाटा के साथ बोर्ड ऑफिस भेजते हैं। तब कहीं जाकर मामले की जांच के लिए अधिकारियों की टीम नियुक्त की जाती है। मामले में शिकायत करने वाला एग्जामिनर्स बतौर गवाह का काम करता है।

: दो चार ऑप्शनल क्वेशचंस के एक जैसे आंसर पर सामूहिक नकल नहीं कहा जा सकता। अगर बड़ी संख्या में गड़बड़ी की आशंका सामने आती है तो इस बारे में टीचर्स द्वारा अपने डीएचई को अवगत कराना चाहिए।

: संजय उपाध्याय, क्षेत्रीय सचिव यूपी बोर्ड।