शिक्षा निदेशालय में राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ का धरना

- राज्य के 18000 शिक्षक होंगे प्रभावित

DEHRADUN : विशिष्ट बीटीसी को अमान्य घोषित किये जाने के केन्द्र सरकार के फैसले के विरोध में राज्यभर के प्राथमिक शिक्षकों ने शनिवार को भी शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन किया। शिक्षकों का कहना है कि इस आदेश से राज्य के क्8000 से ज्यादा शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं।

ये है मसला

वर्ष ख्00क् में राज्य सरकार ने बीएड, सीपीएड, बीपीएड प्रशिक्षण प्राप्त और मृतक आश्रितों को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त किया था। इसके लिए उन्हें म् महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रक्रिया के राज्यभर में करीब क्8 हजार अध्यापकों को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति दी गई। अब केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश के तहत विशिष्ट बीटीसी को अमान्य घोषित करते हुए ऐसे अध्यापकों को ब्रिज कोर्स अथवा डीएलएड प्रशिक्षण लेने के लिए कहा गया है।

शिक्षकों की मांग

उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ इस आदेश का विरोध कर रहा है। संघ का कहना है कि इन शिक्षकों ने उस समय के नियमानुसार ट्रेनिंग ली है और कई वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में इन शिक्षकों को एक और ट्रेनिंग के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। संघ का कहना है विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण एनसीटीई के मानकों के अनुसार ही दिया गया था। यदि राज्य सरकार ने इसके लिए अनुमति नहीं ली थी तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है न कि प्रशिक्षण लेने वाले अध्यापक।

जिलेवार दे रहे धरना

प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से यह धरना जिलेवार दिया जा रहा है। शनिवार को रुद्रप्रयाग जिले से आये अध्यापकों ने धरना दिया और सीएम को ज्ञापना प्रेषित किया। धरने में रुद्रप्रयाग इकाई के अध्यक्ष विक्रम सिंह झिंक्वाण, कोषाध्यक्ष वंशीधर गौड़ और जिला मंत्री ललित काला भी मौजूद थे।