RANCHI: पारा शिक्षक, सर्व शिक्षा अभियान कर्मी और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों की हड़ताल से भ्0 लाख छात्रों की पढ़ाई और निवाला पर संकट छा गया है। राज्य के सुदूरवर्ती इलाके में हड़ताल की वजह से उत्क्रमित मध्य विद्यालय और प्राथमिक विद्यालयों में मिड डे मील पूरी तरह से प्रभावित है। स्कूलों में टीचर नहीं आ रहे हैं। नतीजन, बच्चों का न मिड डे मील तैयार हो रहा है और न ही कक्षाएं लग पा रही हैं। हालांकि राज्य सरकार की ओर से सभी हड़ताली कर्मचारियों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया है, लेकिन वे काम पर लौटने से पहले मांगें पूरी करने का लिखित आश्वासन मांग रहे हैं। हड़ताली कर्मचारी और शिक्षा विभाग की खींचतान के बीच छात्र-छात्राओं का भविष्य अधिर में है।

मांगों पर अड़ा कस्तूरबा कर्मचारी संघ

राज्य भर के तमाम कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और बालिका विद्यालय के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को काम पर वापस लौैटने की मियाद सोमवार को है। राज्य शिक्षा परियोजना के निदेशक मुकेश कुमार ने कहा है कि यदि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के हड़ताली कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो उनकी संविदा समाप्त करने के लिए आवश्यक कार्रवाई सोमवार से शुरू कर दी जाएगी। इधर, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रोहिणी ने बताया कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हम काम पर नहीं लौटेंगे। इसी साल के मार्च महीने में हमारा सैलरी स्ट्रक्चर पास हो चुका था, फ्0 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी पर चीफ सेक्रेट्री की मुहर भी लगा दी गई थी, लेकिन जब वेतन बढ़ाया गया तो मात्र क्0 प्रतिशत का लाभ मिला। दूसरी मांग है कि हमें 9-क्ख् वीं क्लास के शिक्षक बहाली में समायोजित किया जाए।

राजभवन के पास आज भूख हड़ताल

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कर्मचारी संघ के बैनर तले तमाम कर्मचारी राजभवन के पास सोमवार को भूख हड़ताल पर बैठेंगे। सुबह क्0 बजे से आंदोलन शुरू होगा। रविवार को हड़ताली कर्मचारियों ने राजभवन रोड, शहीद चौक और समाहरणालय इलाके में सफाई अभियान चलाकर विरोध प्रकट किया। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में शिक्षक और कर्मचारियों की हड़ताल से करीब 80 हजार छात्राओं की पढ़ाई और भोजन पर संकट खड़ा हो गया है। छात्राएं स्कूल से वापस घर के लिए लौट रही हैं। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में क्फ् अक्टूबर से हड़ताल है।

म्9000 पारा शिक्षक क्7 सितंबर से हड़ताल पर

राज्य भर के म्9,000 पारा शिक्षक क्7 सितंबर से हड़ताल पर

हैं। इससे राज्य भर के करीब भ्0 लाख बच्चों की पढ़ाई और उनके भोजन पर संकट खड़ा हो गया है। पारा शिक्षक बीईओ कार्यालय और जिला कार्यालयों में जमे हुए हैं। इससे स्कूलों में पठन पाठन पूरी तरह से प्रभावित है। स्कूल नहीं खुलने की वजह से छात्रों के बीच मध्याह्न भोजन नियमित कराना भी मुश्किल है। हड़ताली पारा शिक्षकों को ख्भ् अक्टूबर तक वापस लौैटने का अल्टीमेटम दिया गया है। पारा शिक्षक नेताओं का कहना है कि जब तक स्थायीकरण का लिखित आश्वासन नहीं मिलता है, हम काम पर नहीं लौटेंगे।

बीआरपी-सीआरपी को ख्0 तक अल्टीमेटम

फ्म्00 सीआरपी बीआरपी की हड़ताल से सर्व शिक्षा अभियान की मॉनिटरिंग पूरी तरह से प्रभावित है। ये ख्क् अक्टूबर तक काम पर नहीं लौटते हैं तो इन्हें हटाने से संबंधित आदेश जारी किया जाएगा। इनके अलावा राज्य भर के क्ब्00 परियोजना कर्मी भी हड़ताल पर हैं।