हर जगह पद खाली

प्राइमरी स्कूलों में करीब ढाई-तीन लाख पद खाली हैं, जबकि हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में भी हजारों पद खाली हैं। सीसीएसयू के कॉलेजों में ही करीब एक हजार पद खाली पड़े हैं। सीसीएसयू कैंपस में ही आधे पद खाली पड़े हैं।

Basic education

2012 सितंबर में सरकार ने सालों बाद टीईटी प्राइमरी टीचर्स की भर्ती निकाली थी। करीब 72 हजार 800 टीचर्स की भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन पर उसी समय से विवाद शुरु हो गया। कैंडीडेट्स ने टीईटी एग्जाम से मेरिट बनाने की मांग की तो कुछ ने हाई स्कूल, इंटर, यूजी और बीएड के आधार पर मेरिट बनाने की मांग की। वहीं स्पेशल बीएड वाले भी इसमें शामिल हो गए। फिलहाल मामला अधर में है।

Secondary education

2010 फरवरी में सेकेंड्री स्कूलों में लेक्चरर की पोस्ट टीजीटी और पीजीटी के लिए भर्ती निकाली। इसमें 21 सब्जेक्ट में लेक्चरर अप्वाइंट किए जाएंगे। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब तीन साल बाद ये एग्जाम होने वाला था, लेकिन इस पर भी रोक लग गई।

Higher education

2001-02 - में 1100 टीचर्स को कांट्रेक्ट पर रखा गया था। इसके बाद से जो भी विज्ञापन आए उन पर बहुत कम भर्ती हो पाई। इन टीचर्स को आठ हजार रुपए की सेलरी पर रखा गया था। बाद में इनकी सेलरी बढ़ते बढ़ते करीब चालीस हजार रुपए तक हो गई। यहां गौर करने लायक बात ये है कि इनको अप्वाइंट करते समय न तो आरक्षण का ख्याल रखा गया, न कोई विज्ञापन निकाला गया, न इंटरव्यू हुए न मेरिट बनी। कॉलेज लेवल पर डायरेक्ट अप्वाइंटमेंट कराए गए।

हायर एजुकेशन कमिशन के लंबित विज्ञापन

- 2003 में विज्ञापन नंबर 37 में रिजर्व कैटगरी के करीब 838 पद थे। इसके इंटरव्यू भी 2005 में हो गए हैं, लेकिन मामला कोर्ट में लंबित है।

- 2004 में विज्ञापन नंबर 38 में रिजर्व कैटगरी के करीब 450 पद थे। इसके इंटरव्यू भी 2006 में हो गए।

- 2007 में भी एक विज्ञापन आया था, जिसकी परीक्षा 2012 में हुई थी। लेकिन इंटरव्यू नहीं हो पाए हैं। इस पर भी आपत्ति लगाकर रोक लगवा दी गई। फिलहाल मामला लंबित है।

- 2008 में विज्ञापन नंबर 42 में करीब 450 पद थे। इसके इंटरव्यू भी हो चुके हैं।

- विज्ञापन नंबर 44 में भी करीब 400 पद थे। इसके अभ इंटरव्यू नहीं हुए हैं।

- 2009 में विज्ञापन नंबर 45 आया जिसमें 500 पद हैं। अभी इसके इंटरव्यू नहीं हो पाए हैं।

बस ज्वाइनिंग बाकी

हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के करीबन दो हजार पदों पर भर्ती होनी है, लेकिन कोर्ट में लंबित होने के कारण स्थित जस की तस है। बता दें कि जिन विज्ञापनों में इंटरव्यू हो चुके हैं। उनमें सिर्फ ज्वाइनिंग बाकी है।

"सरकार बिना तैयारी के विज्ञापन जारी करती है। जिसमें इतने लूप होल होते हैं कि मामला अधर लटक जाता है."

तेज प्रताप, रिसर्च स्कॉलर

"सरकार युवाओं के खिलाफ काम कर रही है। चुनावी लाभ के लिए सरकार विज्ञापन तो जारी करती है। फिर उस पर रोक लगवा देती है."

रवि शास्त्री, बीएड संगठन

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