आजकल स्मार्टफोन इतने ज्यादा स्मार्ट और हाईटेक हो गए हैं, जिन्हें चलाने के लिए भी ट्रेनिंग की जरूरत महसूस की जाने लगी है। वैसे तो लोग भी काफी स्मार्ट हो गए हैं और बड़ी आसानी से एंड्रॉयड फोन यूज करते हैं, लेकिन वो अपने एंड्रॉयड फोन से जुड़ी कुछ बेसिक बातों को भूल जाते हैं और ऐसी गलतियां करते हैं, जिनके कारण उन्हें बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। तो जनाब आज यहां आप जान लीजिए वो टेन मिस्टेक्स, जिनसे बचकर रहना है आपको।
1: कहीं से भी एप डाउनलोड/इंस्टॉल करना
एंड्रॉयड फोन में गूगल प्ले स्टोर के अलावा थर्ड पार्टी एप डाउनलोड और इंस्टॉल करने का ऑप्शन होता है। कई बार लोग प्ले स्टोर के अलावा किसी भी वेब लिंक से, ब्लूटूथ या शेयरइट से APK फाइल डाउनलोड कर उसे अपने फोन पर इंस्टॉल कर लेते हैं। ज्यादातर ऐसी एप्स आपके फोन में बहुत सारे वायरस और जंक एप लेकर आती हैं। यानि कि प्लेस्टोर के अलावा कहीं से भी एप इंस्टॉल करने पर आपके फोन का डेटा चेारी हो सकता है। ऐसा न भी हो तो तब भी ऐसा करने के बाद आपका फोन स्लो और हैंग तो होने ही लगेगा।
2: चार्जिंग सायकल:
एंड्रॉयड फोन कोई भी हो उसकी बैटरी की एक चार्जिंग साइकिल होती है। कई बार यूजर्स इसके साथ खिलवाड़ करते हैं। अगर आप अपने फोन को चार्जिंग पर लगाकर जरा देर में ही निकाल लेते हैं, तो फोन भले ही चार्ज न हुआ हो, लेकिन उसकी एक चार्जिंग साइकिल पूरी हो जाती है। ऐसे में फोन की बैटरी पर खराब इफेक्ट होता है और वो जल्दी खराब होती है।
3: बैटरी का शोषण:
ज्यादातर लोग अपने फोन की बैटरी तब चार्ज करते हैं, जब वो 5 परसेंट रह जाती है। या फोन चीख चीखकर चार्जर को पुकार रहा होता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यूसेज के दौरान स्मार्टफोन की बैटरी 20 से 80 परसेंट के बीच होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हैं तो बैटरी पर ज्यादा प्रेशर पड़ना लाजमी है।
4: नकली मोबाइल एक्सेसरीज का खामियाजा:
सस्ते के चक्कर में अधिकतर स्मार्टफोन यूजर ओरिजिनल एक्सेसरीज की बजाय फर्जी कंपनियों के चार्जर, कनेक्टर वगैरह यूज करते हैं। तुरंत तो नहीं लेकिन कुछ दिन बाद ये सस्ती एक्सेसरीज आपके फोन का दिवाला निकलवा देगी।
5: होम स्क्रीन पर विजेट्स का जखीरा:
आजकल लोग तो स्मार्टफोन को लैपटॉप समझकर उसमें इतना ज्यादा डेटा तो रखते ही हैं। साथ में फोन की होम स्क्रीन पर भी ढेरों एप्स, विजेट्स और शॉर्टकट्स से भर देते हैं। होम स्क्रीन पर ज्यादा डेटा डिस्प्ले करने से फोन की बैटरी जल्दी खत्म होती है। स्क्रीन पर ऑनलाइन डेटा दिखाने वाली एप्स तो आपके फोन की बैटरी और स्पीड दोनों को ही चूस लेती हैं।
6: मोबाइल OS और Apps को अपडेट न करना
स्मार्टफोन का ऑपरेटिंग सिस्टम यानि मेन सॉफ्टवेयर और सभी एप्स को समय समय पर अपडेट करने की जरूरत होती है। बहुत सारे यूजर्स इंटरनेट डेटा बचाने या कम मेमोरी स्पेस की वजह से सॉफ्टवेयर अपडेट ही नहीं करते। आपको बता दें कि अपडेट से एप्स के फीचर्स तो बढ़ते ही हैं, साथ में फोन की सेक्योरिटी भी मजबूत रहती है।
7: ज्यादातर एप्स का एक सा ही पासवर्ड:
ऐसा लगता है कि आजकल के लोगों की मेमोरी पूरी तरह से फोन पर ही डिपेंड हो गई है। तमाम स्मार्टफोन यूजर्स ज्यादतर एप्स जैसे जीमेल, ड्रॉपबॉक्स, पेटीएम, भीम आदि एप्स के लिए एक जैसे ही पासवर्ड रख लेते हैं। यानि कि जरा सी चूक से आपके सारे अकाउंट्स एक साथ हैक हो सकते हैं।
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8: फ्री वाईफाई का जमकर यूज:
लोगों को फ्री में वाईफाई मिल जाए तो फिर उन्हें कुछ और याद नहीं आता। फ्री इंटरनेट डेटा मिलने पर लोग तुरंत ही उस WiFi से जुड़ जाते हैं और गाने, फिल्में और सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने लगते हैं। फ्री वाईफाई एक्सेस करने से आपके फोन का बैंड बज सकता है। मतलब यह है कि फ्री वाईफाई में कई बार जमकर वायरस आ जाता है, जो फोन और एप्स को करप्ट कर देता है।
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9: ब्लूटूथ ऑन करके भूल जाना
कई बार यूजर फोन पर ब्लूटूथ या वाईफाई डायरेक्ट (शेयरइट या एक्सेंडर) से डेटा ट्रांसफर करने के बाद उसे ऑफ करना भूल ही जाते हैं। आपको बता दें कि आजकल ब्लूटूथ और वाईफाई डायरेक्ट पूरी तरह से सेफ नहीं रह गए हैं, यानि कि इन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है।
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10: एप्स की सारी परमीशन ऑन रखना
फोन पर तरह तरह की एप्स रखना तो आजकल आम बात हो गई है। कई बार लोग जल्दबाजी में एप्स इंस्टॉल करते समय किसी भी एप्स परमीशन को पढ़ना छोड़िए देखते भी नहीं हैं। कुछ एप्स फोन की मेमोरी, डेटा, मैसेज के साथ साथ फोन कॉल्स और OS को कंट्रोल करने की परमीशन तक मांगते हैं और हम बिना देखे उसे वो दे देते हैं। तो जनाब आगे से एप्स की परमीशन को देखे बिना उसे एक्सेस देना फोन को नुकसान पहुंचा सकता है।
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