- परीक्षा में सफल कैंडीडेट्स का फूटा गुस्सा, घेरा शिक्षा निदेशालय

- 'क्योंकि हम सामान्य हैं, इसलिए अमान्य हैं' के नारे लगाकर किया प्रदर्शन

- 68500 पदों पर प्राथमिक विद्यालयों में निकली थी भर्ती

- 41556 कैंडीडेट्स सफल हुए थे सफल

- 34660 कैंडीडेट्स को जिला आवंटित किया गया

- 5696 सामान्य वर्ग के कैंडीडेट्स को काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया।

LUCKNOW :

प्राथमिक विद्यालयों में 68500 पदों के सापेक्ष महज 34660 कैंडीडेट्स को जिला आवंटित किए जाने से नाराज सफल कैंडीडेट्स ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बड़ी संख्या में कैंडीडेट्स निशातगंज स्थित शिक्षा निदेशालय पहुंचे और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कैंडीडेट्स तत्काल सभी सफल कैंडीडेट्स की सूची जारी करने की मांग कर रहे थे। इनमें अधिकांश सामान्य वर्ग के कैंडीडेट्स थे। कई घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ। सर्वेद् विक्रम बहादुर सिंह ने कैंडीडेट्स के एक प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर चार सितंबर तक दूसरी सूची जारी करने का आश्वासन दिया, लेकिन कैंडीडेट्स ने मांग रखी कि जब तब छूटे हुए सामान्य वर्ग के करीब 5696 कैंडीडेट्स को काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया, तब तक यहां से नहीं हटेंगे।

अचानक बदले चयन मानक

दरअसल, प्राइमरी स्कूलों में 68,500 शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी। इसमें 41556 कैंडीडेट्स ही सफल हुए थे, मगर अफसरों ने लिखित परीक्षा में सफल कैंडीडेट्स को चयनित करने का मानक एकाएक बदल दिया। सफल कैंडीडेट्स की चयन सूची में पदों का आकलन 41,556 के सापेक्ष किया गया और 34,600 कैंडीडेट्स को ही जिला आवंटित किया गया। शिक्षक भर्ती में चयन का नियम बदले जाने से ही कैंडीडेट्स भड़क उठे और शनिवार को शिक्षा निदेशालय पहुंच गए। कैंडीडेट्स का कहना है कि सफल कैंडीडेट्स को नियुक्ति देने की जब बारी आई तो तय पद 68,500 की जगह 41,556 को ही आधार बनाकर चयन किया गया। निदेशालय का घेराव करते हुए कैंडीडे‌र्ट्स 'क्योंकि हम सामान्य हैं, इसलिए अमान्य हैं' नारे लगाने लगे। कैंडीडेट्स ने इस दौरान कार्यालय में मौजूद अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया, मगर विभाग के किसी अधिकारी ने उनसे मिलने की जहमत नहीं उठाई। देर शाम तक सभी कैंडीडेट्स निदेशालय पर धरने पर बैठे रहे। प्रदर्शन के दौरान कई बार टकराव की नौबत भी आई, लेकिन पुलिस बल के आगे कैंडीडेट्स कुछ नहीं कर पाए।