25 अप्रैल से चल रहा प्रदर्शन

पहले बोर्ड एग्जाम और अब कॉपियों के इवैल्यूएशन के लिए कॉलेजेज के टीचर्स की ड्यूटी लगा दी गयी है। लेकिन ये इवैल्यूएशन करने की बजाए अपनी डिमांड के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उनका पिछले 25 अप्रैल से धरना प्रदर्शन चल रहा है। इसके चलते न केवल इवैल्यूएशन ठप है बल्कि क्लासेज भी नहीं चल रही हैं। इससे इलेवंथ व नाइंथ के स्टूडेंट्स के कोर्सेज बीच में ही अटक गए हैं। यह सिलसिला बोर्ड एग्जाम स्टार्ट होने के बाद से ही जारी है। जानकारों के मुताबिक शायद ही किसी स्कूल में प्रॉपर क्लासेज चल रही होंगी। वैसे स्कूल्स गिनती के हैं, जहां क्लासेज इफेक्टेड नहीं हैं।

 

गुरुजी की बल्ले बल्ले

जिन स्कूल्स को बोर्ड एग्जाम की कापियों के इवैल्यूएशन के लिए सेंटर बनाया गया है वहां तो क्लासेज न चलने का तर्क समझ में आता है। लेकिन जिन स्कूल्स को सेंटर नहीं बनाया गया है वहां क्लासेज न चलना समझ से परे है। मगर यह सब आंदोलन के नाम पर खुलेआम हो रहा है। स्टूडेंट्स को बताया जा रहा है कि टीचर्स की कॉपियों के इवैल्यूएशन में ड्यूटी लगा दी गयी है, इसलिए क्लासेज डिस्टर्ब हैं। टीचर्स जैसे ही लौट आएंगे क्लासेज स्टार्ट हो जाएगी। सवाल उठता है कि जब टीचर्स कॉपियों का इवैल्यूएशन का विरोध कर रहे हैं तो क्लासेज क्यों नहीं ले रहे हैं?

वर्जन

इवैल्यूएशन में ड्यूटी लगने और टीचर्स की कमी के चलते क्लासेज चलाना बहुत जगह संभव नहीं है। पर जहां संभव है वहां क्लासेज हो रही हैं।  

चंद्रजीत यादव

डीआईओएस  

अधर में अटका है कोर्स

केवल 10वीं व 12वीं के ही कोर्सेज इनकंप्लीट नहीं हैं बल्कि इलेवंथ व नाइंथ के कोर्सेज भी अधर में अटके हुए हैं। नाम न लिखने की शर्त पर एक एक्सपर्ट ने बताया कि लगभग 50 से 60 परसेंट कोर्सेज ही अभी पूरे किए गए हैं। बाकी पेडिंग है। यदि अप्रैल में क्लासेज चलतीं तो कोर्स पूरा हो जाता। लेकिन बोर्ड एग्जाम के दौरान क्लासेज नहीं चल पायीं। अब मई में उनको एनुअल एग्जाम देना है। स्टूडेंट्स समझ नहीं पा रहे हैं कि बिना पढ़ाई के वो एग्जाम कैसे देंगे?