दोनो टीमों के बीच पहला एकदिवसीय मैच 19 जनवरी को नेपियर में, दूसरा एकदिवसीय मैच 22 जनवरी को हैमिल्टन में, तीसरा एकदिवसीय मैच 25 जनवरी को ऑकलैंड में, चौथा एकदिवसीय मैच 28 जनवरी को हैमिल्टन में और पांचवा और आखिरी एकदिवसीय मैच 31 जनवरी को वेलिंग्टन में खेला जाएगा.

इसके बाद दो टेस्ट मैचों की संक्षिप्त सिरीज़ का पहला टेस्ट मैच 6 से 10 फरवरी तक ऑकलैंड में और दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच 14 से 18 फरवरी तक वेलिंग्टन में खेला जाएगा. दक्षिण अफ़्रीकी दौरे पर भारत को एक भी अभ्यास मैच खेलने का अवसर नहीं मिला जिसका नतीजा यह निकला कि जब तक भारतीय खिलाड़ियों को वहां की पिचों का मिज़ाज समझ में आता तब तक खेल ख़त्म हो चुका था यानी कि बाज़ी हाथ से निकल चुकी थी.

न्यूज़ीलैंड की मुश्किल

इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब भारतीय क्रिकेट टीम 12 जनवरी की सुबह न्यूज़ीलैंड रवाना हो रही है ताकि वहां की आबो-हवा में अपने आपको ढाल सके. अब इसे लेकर भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ और फिलहाल उत्तर प्रदेश रणजी ट्रॉफी टीम के कोच वेंकटेश प्रसाद ने कहा है कि मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाड़ियों को बुधवार से शुरू हुए रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल मुक़ाबलो में खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी.

वेंकटेश प्रसाद की बात का समर्थन भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ भी करते हैं. दूसरी तरफ एक समय अपने बल्ले से पूरी दुनिया के तेज़ गेंदबाज़ो का बखूबी सामना करने वाले और 1983 में विश्व कप विजेता भारतीय टीम के अहम सदस्य रहे पूर्व चयनकर्ता मोहिंदर अमरनाथ कहते हैं कि दक्षिण अफ्रीका का अनुभव देखते हुए भारतीय टीम का पहले न्यूज़ीलैंड जाना ठीक है.

बल्लेबाज़ों की तकनीक कमज़ोर: अमरनाथ

उन्होंने कहा, "फिलहाल की भारतीय टीम युवा है. इसे स्थापित होने में अभी समय लगेगा. भारत की कम उछाल लेती, स्पिन को मदद करती विकेट पर शानदार खेल दिखाने वाले भारतीय बल्लेबाज़ो की विदेशी विकेट पर मिली नाकामी ने उनकी तकनीकी कमी को जगजाहिर कर दिया है."

तकनीक पर सवाल

अमरनाथ के मुताबिक दक्षिण अफ़्रीका में केवल चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली सफल रहे बाकि खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. उन्होंने कहा, "भारतीय उपमहाद्वीप या भारत में हमारे खिलाड़ी जिस अंदाज़ में खेलते हैं वह यहां तो ठीक है लेकिन उसी तकनीक से विदेशो में नहीं खेला जा सकता. यही एक बात है जो आने वाले दिनों में भारत के बल्लेबाज़ों को सीखनी होगी."

दक्षिण अफ़्रीका में भारतीय गेंदबाज़ों के प्रदर्शन को लेकर मोहिंदर अमरनाथ कहते हैं कि घरेलू परिस्तिथियों को लाभ हर टीम को मिलता है.

उन्होंने कहा, "दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ अपने देश में तेज़ गेंदबाज़ों को बहुत अच्छी तरह से खेलते हैं. मोहम्मद शमी ने दक्षिण अफ्रीका में एकदिवसीय मैचों में अच्छी गेंदबाज़ी की और जैसे-जैसे उनका अनुभव बढता जाएगा वह बेहतर होते जाएंगे. हमारे तेज़ गेंदबाज़ विदेशों में इसलिए नाकाम रहते हैं क्योकि जैसे ही उन्हें वहां के तेज़ विकेट नज़र आते हैं वैसे ही वह बहुत तेज़ गेंद करने की कोशिश करते हैं. इसी कोशिश में उनकी स्वभाविक लय, तेज़ी और स्विंग पर असर पडता है और वह कम हो जाती है."

अमरनाथ के मुताबिक भारतीय गेंदबाज़ों की दक्षिण अफ़्रीका में लैंथ यानि गेंदो की दिशा भी खराब थी जिसका पूरा फ़ायदा अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों ने उठाया.

टीम पर उठते सवाल

बल्लेबाज़ों की तकनीक कमज़ोर: अमरनाथ

भारतीय क्रिकेट टीम के न्यूज़ीलैंड दौरे के लिए टीम के चयन और संभावित प्रदर्शन को लेकर मोहिंदर अमरनाथ कहते हैं कि कुछ खिलाड़ियों का खेल दक्षिण अफ़्रीका में खराब रहा, इसके बावजूद उन्हें दोबारा अपना हुनर दिखाने का अवसर दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि जो खिलाड़ी लगातार नाकाम हो रहे है उनकी जगह घरेलू स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को चुनना चाहिए. अगर एक ही टीम के साथ लगातार खेला जाए तो यह भविष्य की रणनीति के हिसाब से ठीक नही है. वहां एक बार फिर तकनीक का सवाल आ जाएगा कि खिलाड़ी अपने शरीर के पास कितना गेंद को खेलते है. यही एक बात है जिसका फ़ायदा विदेशी गेंदबाज़ उठाते हैं क्योंकि हमारे खिलाड़ी गेंद को शरीर से दूर खेलते हैं, और एक ही अंदाज़ में विकेट गंवाते रहते हैं."

इसके अलावा भारतीय टीम में तीन-चार तेज़ गेंदबाज़ हैं लेकिन अगर एक क्वालिटी आलराउंडर हो जो अच्छी बल्लेबाज़ी भी कर सके तो एक और खिलाड़ी की जगह टीम में बन सकती है. अब देखना है कि भारतीय बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ कहां तक अपने आपको और अपनी तकनीक को न्यूज़ीलैंड के विकेटों के अनुरूप ढाल पाते हैं?

International News inextlive from World News Desk