आई फोन फाइव और ऑन लाइन कनेक्टिविटी

पहले यूथ को मस्ती के लिए गॉसिप अड्डा तलाशना पड़ता था, मगर अब मोबाइल फोन ही यूथ की लाइफ बन चुका है। पिछले छह सालों में सिटी के लोगों की लाइफ बहुत स्मार्ट हो गई। मल्टीमीडिया हैंड सेट्स को पीछे छोड़ते हुए हमारे हाथों में स्मार्ट फोन, एंड्राइड से होते हुए आई फोन फाइव तक पहुंच गए हैं। इनके साथ ही वी चैट, चैट ऑन, वॉट्स एप, लाइन, वाइबर जैसे कई वॉयस कॉलिंग एप्लीकेशंस ने लोगों के फोन में अपनी जगह बना ली है। इस नई जेनरेशन के लिए कॉम्यूनिकेशन का मतलब ऑन लाइन है। सुबह से लेकर शाम तक शाम से देर रात तक अपने दोस्तों के साथ वॉइस कॉल और मैसेज के थ्रू कनेक्ट रहते हैं और साथ ही देश में होने वाली हर ब्रेकिंग न्यूज से भी अपडेट रहते हैं।

अपने घर में जिम होना चाहिए

अब लोग अपनी हेल्थ को लेकर भी ज्यादा कांशस हो गए हैं। डाइटीशियन डॉ। भावना गांधी की मानें तो हेल्दी डाइट को लेकर यूथ सबसे ज्यादा अवेयर है। वहीं जिमिंग और एक्सरसाइज के मामले में भी कुछ यही हाल है। फिटनेस हाईट के डायरेक्टर विवेक सोनी बताते हैं कि यूथ सिर्फ सिक्स पैक बनाने के लिए ही नहीं बल्कि खुद को फिट रखने के लिए भी एक्सरसाइज में पीछे नहीं है। इन तमाम हेल्दी हैबिट्स को कंटीन्यू करने में मार्केट का भी अहम रोल है। ऐसे कई एक्सरसाइज इक्यूपमेंट्स आ गए हैं जो टू इन वन टाइप हैं। अब होम जिम का क्रेज भी काफी बढ़ा है।

केक, कुकीज, मोमोज और पिज्जा

यूं तो इन छह सालों में सिटी के यूथ की फूडिंग हैबिट्स में भी काफी चेंज आया है। जहां पहले कभी टेस्ट के लिए चाइनीज और साउथ इंडियन पर डिपेंडेंसी ज्यादा थी अब वो बदल गई है। ये असर टेस्ट से लेकर कुकिंग तक में साफ दिखाई देता है। जहां पहले कभी मम्मी पिज्जा के नाम से डर जाया करती थीं वहीं आज की मॉर्डन मम्मी घर में पिज्जा और मोमोज बनाती हैं, केक और कुकीज बनाती हैं।

मॉल में मूवी मस्ती विद डिनर

तुषार यंग एंटरप्रेन्योर है। बहुत जल्दी करियर की शुरुआत करने वाले तुषार मानते हैं कि हम बेशक जल्दी ही इंडिपेंडेंट हो जाएं मगर दोस्तों के साथ मस्ती करना का टाइम तो जरूर चाहिए। ये मस्ती अक्सर छुट्टी वाले दिन मॉल में जाकर होती है। यहां जब तक आधा दिन न गुजरे तो लगता ही नहीं कि वीकेंड है। पहले तो न्यू रिलीज मूवी देखें और बाद में अपनी पसंद का मजेदार फूड खाएं। इसके बाद भी शाम को दोस्तों की महफिल न जमे तो मजा नहीं आता। दोस्तों के साथ तो सड़कों पर घूमने में भी मजा आता है।

Lovely looks for lovely life

टेक्सटाइल इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना चुकीं नोएडा की निहारिका कहती हैं अगर पिछले छह सालों पर नजर डालें तो सच में फैशन इंडस्ट्री में काफी बड़े बदलाव आए हैं। बहुत सारे फैब्रिक हैं जो आज लोगों की पसंद बन चुके हैं। हील से लेकर फ्लैट फुटवियर, पिट्ठू बैग से लेकर साइड बैग ने यूथ को काफी ट्रेंडी लुक दिया है। इसी फैशन का एक पार्ट है हेयर स्टाइल। गल्र्स में जहां स्ट्रेस स्टाइल ज्यादा फैशन में रहा है वहीं ब्वायज में कई ट्रेंडी हेयर स्टाइल का क्रेज दिखा है।

हर रूम तक टीवी

पहले का समय तो आपको याद ही होगा? जब घर में एक टीवी होता था और सब एक साथ बैठकर ही टीवी देखते थे। मगर अब ट्रेंड बदला है। अब हर रूम में एक टीवी और वो भी एलइडी या एलसीडी। स्मार्ट टीवी के साथ इंटरटेनमेंट या नेट सर्फिंग का अलग ही मजा है। लोग डीटूएच में एचडी सेट टॉप बॉक्स पसंद कर रहे है।

'मैं घर में ही सबकुछ बना लेती हूं। मेरा मानना है कि अब मम्मी भी ट्रेंडी हो रही हैं। वो हर उस चीज को घर में बनाना चाहती हैं जो उनका बच्चा बाहर रेस्टोरेंट में जाकर खाना पसंद करता है.'

- संध्या गर्ग, हाउस वाइफ