क्लासिकल म्यूजिक के बिना पूरा नहीं होती साधना  

म्यूजिक सीखना बेहद ही आसान है लेकिन इसके लिए कलाकार को साधना करनी होगी। यह साधना तभी पूरी होगी जब क्लासिकल म्यूजिक में पारंगत हुआ जाए। क्लासिकल म्यूजिक से दूर दूर तक कोई नाता न रखने वाले गायक थोड़े दिन बाद ही गायब हो जाते हैं। क्लासिकल संगीत सीखने वालों के लिए गवर्नमेंट जॉब के मौके भी हैं। भोजपुरी की मिठास खोने के पीछे अनटे्रंड कलाकार जिम्मेदार है। तमाम ऐसे लोग गायक हो गए हैं जिनको संगीत के बारे में कुछ भी पता नहीं है, ऐसे लोगों ने ही फूहड़ता को जनम दिया। संगीत में बिना रियाज के कुछ भी पॉसिबल नहीं है इसलिए तमाम सिंगर आए और चले गए लेकिन क्लासिकल म्यूजिक की अच्छी जानकारी रखने वाले सिंगर्स के गानेे आज भी उसी तरह से सुने जा रहे हैं।

पांच सौ से अधिक एलबम में डायरेक्शन कर चुके हैं विजय

समस्तीपुर के मथुरापुर गांव के विजय कपूर के घर में कोई संगीतज्ञ नहीं था लेकिन उन्होंने साधना की बदौलत अपना मुकाम हासिल किया। आकाशवाणी और दूरदर्शन के परमानेंट कलाकार होने के साथ ही विदेशों में कई कार्यक्रम कर चुके हैं। गंगा महोत्सव, बुद्ध महोत्सव, औरेया महोत्सव, गैटोर संगीत समारोह, न्यूजीलैंड के एशिया 2000 फांउडेशन फेस्टिवल आफ लाइट्स, बैंकाक के संगीत समारोहों में शामिल होने के साथ ही पांच सौ से अधिक कैसेट्स और सीडी में म्यूजिक दे चुके हैं।