तेलंगाना के पक्ष में आंदोलन कर रहे लोगों की हड़ताल 31वें दिन में प्रवेश कर गई है और आंध्र-रायलसीमा क्षेत्र के छात्रों के अलग तेलंगाना राज्य के विरुद्ध आंदोलन छेड़ने की घोषणा के कारण स्थिति टकराव की ओर बढ़ रही है।

दूसरी ओर हड़ताल के कारण स्कूलों के लगातार कई हफ़्तों से बंद होने से छात्रों के चिंतित माता-पिता भी सड़कों पर उतरने की धमकी दे रहे हैं। तेलंगाना संयुक्त संघर्ष समिति ने रेल रोकों कार्यक्रम को वापस लेने से इनकार कर दिया है।

पुलिस प्रमुख की चेतावनी

इस आन्दोलन को तेलंगाना राष्ट्र समिति, भारतीय जनता पार्टी और सीपीई (एमएल न्यू डेमोक्रेसी) और कुछ अन्य संगठनों का समर्थन प्राप्त है। तेलंगाना के दस ज़िलों से कांग्रेस के सांसदों ने भी इस आंदोलन में भाग लेने की घोषणा करके आंध्र की कांग्रेस सरकार की परेशानियाँ बढ़ा दी है।

पिछले दो दिनों में दो गंभीर घटनाएँ हुई हैं जब अज्ञात व्यक्तियों ने पटरियों को ज़मीन से जोड़े रखने वाली फिश-प्लेट्स को उखाड़ दिया था। इसके कारण एक मालगाडी पटरी से उतर गई।

आंध्र के पुलिस महानिदेशक दिनेश रेड्डी ने पुलिस और रेलवे पुलिस के अधिकारियों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चेतावनी दी, "यदि शनिवार को रेल सेवाओं में बाधा डालने की कोशिश की गई या फिर रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे."

उन्होंने कहा की ऐसा करने वालों के विरुद्ध रेलवे क़ानून के तहत मामले दर्ज किए जाएँगे और दोषी पाए जाने वालों को 10 वर्ष से लेकर उम्र क़ैद तक की सज़ा हो सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि जो सरकारी कर्मचारी इस आंदोलन में भाग लेंगे उनकी नौकरी जा सकती है और यदि छात्र इसमें भाग लेते हैं तो उन्हें कभी सरकारी नौकरी न मिलने का प्रावधान होता है।

इन धमकियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अलग तेलंगाना राज्य के समर्थकों ने कहा कि पुलिस प्रमुख एक अधिकारी के रूप में नहीं बल्कि एक राजनीतिक नेता की तरह बात कर रहे हैं।

कांग्रेस सांसद पूनम प्रभाकर ने कहा की आम लोगों को डराने धमकाने की जगह दिनेश रेड्डी को अपराधियों को पकड़ने पर ध्यान देना चाहिए। तेलंगाना राष्ट्र समिति की सांसद विजय शांति ने चुनौती दी कि दिनेश रेड्डी चाहे जो करें, वो रेल रोको कार्यक्रम में ज़रूर भाग लेंगी।

छात्रों के माता-पिता आमने-सामने

हैदराबाद में स्कूल छात्रों के माता पिता की एक समिति ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मिलकर अनुरोध किया की वो बंद पड़े स्कूल दोबारा खुलवाएं क्योंकि बच्चों बचों का भविष्य ख़राब हो रहा है।

दूसरी और तेलंगाना समर्थकों छात्रों के माता पिता ने भी अपनी एक संयुक्त संघर्ष समिति बने है और कहा है कि वो तेलंगाना के लिए कोई भी क़ुर्बानी देने के लिए तैयार हैं और जब तक अलग तेलंगाना राज्य की घोषणा नहीं होती तब तक स्कूल-कॉलेज बंद रहने चहिए।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी गुरुवार से हैदराबाद में तेलंगाना राज्य के समर्थन में एक बड़ा धरना आयोजित किया जिसमें हज़ारों लोग शामिल हुए।

जब इन लोगों ने राजभवन तक मार्च करने की कोशिश की तो पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। सीपीआई के राज्य सचिव नारायणा और सैकड़ों अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया।

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