- खाकी वर्दी पहनकर कई लूटों को अंजाम दे चुके हैं बदमाश

- वरिष्ठ पुलिस अफसरों ने बताया-ऐसी सिचुएशन में क्या उठाएं कदम

- हाल में ही गोसाईगंज थानाक्षेत्र में ऐसी ही लूट को दिया गया अंजाम

LUCKNOW: वर्दी के रौब में क्या नहीं किया जा सकता? एक सवाल और है कि वर्दीधारी से कौन पूछे कि असली हो या नकली? बस इसी का फायदा उठाकर वर्दी की आड़ में कई कांड हो जाते हैं। कहानी थोड़ी फिल्मी है। जो हाल ही में रिलीज हुई स्पेशल ख्म् की याद भी दिलाती है। हालांकि, आज हम जो आपके लिए खबर लाएं हैं उसमें जालसाजों का हुलिया सीबीआई का नहीं बल्कि पुलिस का है।

पुलिस वर्दी में चोर

गोसाईगंज के धरौहरा गांव में अरुण के घर पुलिस की वर्दी में दो चोर घुसे। घर वालों की आंख खुली तो उन्हें अरदब में लेकर घर से सोने-चांदी के जेवर समेत लाखों रुपये के सामान अपने कब्जे में ले लिये। घरवालों के विरोध पर मारपीट पर उतारू हो गये। अरुण की वाइफ और बेटे को घायल कर दिया। पुलिस की वर्दी में आये चोरों ने खुद को गोसाईगंज थाने की तैनात पुलिसकर्मी बताया। सुबह थाने पर आने को कह कर चंपत भी हो गये। अरुण जब सुबह थाने पहुंचा तो पता चला कि वहां से कोई गया ही नहीं था। अरुण ने उन दो चोरों में से एक की शिनाख्त शिवकरन के रूप में करने का दावा भी किया है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ऐसे मामले और भी

लगभग छह माह पहले नाका पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को अरेस्ट किया था। वह नाका के एक होटल में रहकर कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुका था। पुलिस की वर्दी पहनकर निकलने वालों से कोई कुछ पूछता भी नहीं। ऐसे में बदमाशों का मन तो बढ़ ही जाता है।

आसान है वर्दी खरीदना

पुलिस की वर्दी खरीदना और बनवाना बहुत आसान है। पुलिस लाइन में वर्दी के टेलर अजीज का कहना है कि यहां नॉर्मल डेज में डेली क्8 से ख्0 वर्दी का ऑर्डर आता है। गर्मी शुरू होने और ठंड शुरू होने पर ऑर्डर डबल हो जाते हैं। अजीज का कहना है कि उनका कारखाना सीतापुर में है। वह वर्दी सिलवाने वाले से कोई आईडी नहीं मांगते। अजीज का कहना है कि सिर्फ वर्दी पहन लेने से कोई पुलिस वाला नहीं हो सकता है। उसके लिए यूपी पुलिस का बैज और लोगो जरूरी होता है, जिसको देने से पहले हम लोग आईडी चेक करते हैं।

मांगें पुलिस की आईडी

अगर कोई पुलिसवाला आपको अरदब में लेने की कोशिश करता है और आप उसको नहीं पहचानते हैं, तो आप उसकी आईडी चेक कर सकते हैं। इस आईडी पर जारी करने वाले पुलिस विभाग के अधिकारी के सिग्नेचर और मोहर लगी होती।

घर में घुसने के लिए जरुरी है सर्च वारंट

एक्स डीजीपी विक्रम सिंह कहते हैं कि अगर पुलिस आपके घर में घुस रही है तो आप उससे सर्च वारंट मांग सकते हैं। अगर फिर भी जबरन घुसने की कोशिश करती है तो मोबाइल या कैमरे से आप रिकॉर्ड कर सकते हैं। साथ ही, फौरन क्00 नम्बर डायल कर उसके बारे में जानकारी दे सकते हैं।

अपने इलाके के एसओ का नम्बर जरुर रखें

पुलिस कंट्रोल रूम के साथ अपने थाने के एसओ या कोतवाल का नम्बर भी जरूर रखें जो ऐसे समय में काफी कारगर साबित होता है। सभी एसओ को थाने के बाहर नम्बर लिखना जरुरी है। थाने पर न सिर्फ एसओ का बल्कि सीओ, एसएसपी और डीआईजी तक के नम्बर लिखने के निर्देश हैं।

अगर कोई संदिग्ध पुलिसकर्मी या सही पुलिसकर्मी ऐसी कोई हरकत करता है जो गैर कानूनी हो तो आप सिर्फ फोटो क्लिक कर लीजिए और क्00 नम्बर डायल कर दें। अगर बात करने की स्थिति में न हो तो भी फोन को क्00 नम्बर डायल कर चालू रखें। कंट्रोल रूम के कर्मचारियों को ब्लैंक कॉल पर भी कार्रवाई करने की ट्रेनिंग दी जाती है जो ऐसी स्थिति में जीपीएस का सहारा लेकर विक्टिम तक पहुंच सकते हैं।

विक्रम सिंह

एक्स डीजीपी, यूपी।